वायनाड में मृतकों की संख्या 300 से अधिक हो गई, सैकड़ों लापता
केरल : वायनाड में भूस्खलन की दर्दनाक घटना में मरने वालों की संख्या 308 हो गई है जबकि 200 से अधिक लोग इस खबर के लिखे जाने तक लापता हैं। उनकी तलाश के लिए जीपीएस से लैस ड्रोन का इस्तेमाल किया जा रहा है। राहुल गांधी और प्रियंका गांधी जो गुरुवार को वायनाड पहुंचे थे, शुक्रवार को भी वहां डेरा डाले रहे। कांग्रेस के दोनों वरिष्ठ नेताओं ने पीड़ितों से मुलाकात करके उनकी हर संभव मदद का वादा किया है। कांग्रेस ने पीड़ितों के पुनर्वास के लिए 100 से अधिक मकानों के निर्माण का वादा किया है।
300 से अधिक लोगों की तलाश का चुनौती
भूस्खलन की इस घटना के बाद हर तरफ तबाही का मंजर है। शुक्रवार को केरल की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने 308 मौतों की पुष्टि की जबकि 200 से अधिक लोग लापता हैं। राज्य की स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि “राहत और बचाव का काम युद्धस्तर पर जारी है। अब तक 195 शव और 113 मानव अंग निकाले जा चुके हैं।” मंगलवार को सुबह-सुबह पेश आई इस दर्दनाक घटना के बाद बचाए गए 213 लोग विभिन्न अस्पतालों में भर्ती हैं।
40 खोज टीम सक्रिय
इस दौरान 6 क्षेत्रों में खोज के लिए 40 खोज टीमों का गठन किया गया है। पहले क्षेत्र में अटामाला और अर्नमाला, दूसरे क्षेत्र में मंडाकई, तीसरे क्षेत्र में अमालियंटम, चौथे क्षेत्र में वेल्लारमाला गांव रोड, पांचवें क्षेत्र में जीवीएचएसएस वेल्लारमाला और छठे क्षेत्र में अटिवारा शामिल हैं। प्रत्येक टीम में तीन स्थानीय लोग, वन विभाग का एक कर्मचारी और सेना, नौसेना, तटरक्षक, राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल और अन्य के सदस्य शामिल होंगे। ये टीमें पुलिस और स्थानीय गोताखोरों की मदद से 8 थानों के क्षेत्रों में आने वाले चेलियार नदी के 40 किलोमीटर के क्षेत्र की भी तलाशी लेंगी।
86 हजार वर्ग मीटर भूमि प्रभावित हुई
पुलिस हेलीकॉप्टर के माध्यम से भी समानांतर खोज अभियान जारी रहेगा। इसके अलावा 10 सदस्यीय प्रशिक्षित विशेषज्ञ खोज और बचाव (एसएआर) कुत्तों की टीम भी राहत कार्यों के लिए तैनात की गई है। इस बीच हैदराबाद में स्थित भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के राष्ट्रीय सुदूर संवेदन केंद्र (एनआरएससी) ने बादलों के पार देखने की क्षमता रखने वाले उच्च रिज़ॉल्यूशन वाले कार्टोसैट-3 ऑप्टिकल उपग्रह और रिसेट उपग्रह की मदद से वायनाड भूस्खलन प्रभावित क्षेत्र की तस्वीर ली है।
भारी तबाही को दर्शाने वाली इस तस्वीर से पता चलता है कि लगभग 86 हजार वर्ग मीटर भूमि खिसकने से मलबा इरावनीफुझा नदी के किनारे लगभग 8 किलोमीटर तक बह गया है। वायनाड में आई तबाही कितनी बड़ी है, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि जितनी भूमि धंसी है उसमें 13 फुटबॉल मैदान बन सकते हैं। आमतौर पर एक फुटबॉल मैदान 6,400 वर्ग मीटर क्षेत्र में बनता है, यानी बहुत बड़ा क्षेत्र भूस्खलन की वजह से प्रभावित हुआ है। अंतरिक्ष एजेंसी का यह भी कहना है कि भूस्खलन समुद्री स्तर से 1,550 मीटर की ऊंचाई पर शुरू हुआ था।
4 लोग जीवित बचाए गए
वायनाड के प्रभावित क्षेत्र में जहां हर तरफ तबाही और निराशा के माहौल में शुक्रवार को उस समय खुशी की लहर दौड़ गई जब सेना ने 4 लोगों को जीवित बचाने में सफलता प्राप्त की। 2 पुरुष और 2 महिलाओं का यह समूह भूस्खलन से प्रभावित क्षेत्र में फंसा हुआ था। सेना ने हेलीकॉप्टरों की मदद से उन्हें सुरक्षित निकाला है। इनमें एक महिला की हालत गंभीर है जिसे चिकित्सकीय सहायता प्रदान की जा रही है।
राहुल गांधी का हर संभव मदद का वादा
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी जो गुरुवार से वायनाड में डेरा डाले हुए हैं, ने शुक्रवार को और अधिक पीड़ितों से मुलाकात की और उनसे हर संभव मदद का वादा किया। उन्होंने इस मौके पर घोषणा की कि कांग्रेस परिवार प्रभावित लोगों के पुनर्वास के लिए 100 से अधिक मकान बनवाएगा। उन्होंने यह घोषणा जिला प्रशासन और पंचायत के जिम्मेदारों के साथ बैठक के बाद की। उनके साथ कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी भी मौजूद थीं। राहुल गांधी ने पीड़ितों से मुलाकात के बाद बताया कि बहुत से लोग उक्त क्षेत्र में वापस नहीं जाना चाहते, उनकी अन्य सुरक्षित स्थानों पर पुनर्वास की आवश्यकता है।