अमेरिका के लॉस एंजेलिस में हिंसक प्रदर्शनों के चलते कर्फ्यू लागू
अमेरिका में अवैध प्रवासियों के ख़िलाफ़ इमिग्रेशन एंड कस्टम्स एनफोर्समेंट (ICE) द्वारा चलाए जा रहे सख्त अभियान के विरोध में लॉस एंजेलिस में जारी प्रदर्शनों ने हिंसक रूप ले लिया है। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए मेयर कैरन बास ने शहर के कुछ हिस्सों में तत्काल प्रभाव से कर्फ्यू लगाने का ऐलान किया है।
यह कर्फ्यू लॉस एंजेलिस के डाउनटाउन (पुराने शहर) के लगभग एक वर्ग मील के दायरे में लागू किया गया है, जो मंगलवार रात 8 बजे से शुरू होकर बुधवार शाम 6 बजे तक प्रभावी रहेगा। यह फैसला सोमवार रात हुई भारी लूटपाट, आगजनी और सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने की घटनाओं के बाद लिया गया। प्रशासन के अनुसार, ये प्रदर्शन शांतिपूर्ण ढंग से शुरू हुए थे लेकिन बाद में उग्र होकर हिंसक झड़पों में बदल गए।
लॉस एंजेलिस पुलिस विभाग ने बताया है कि कुछ वर्गों को कर्फ्यू से छूट दी गई है, जिनमें स्थानीय निवासी, बेघर लोग, मान्यता प्राप्त पत्रकार और सार्वजनिक सुरक्षा या आपातकालीन सेवाओं से जुड़े कर्मचारी शामिल हैं।
गौरतलब है कि पिछले पांच दिनों से ICE की छापेमारी के खिलाफ विभिन्न सामाजिक संगठनों और मानवाधिकार कार्यकर्ताओं ने सड़कों पर उतरकर विरोध जताया है। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि ट्रंप प्रशासन की नीतियां अमानवीय हैं और प्रवासी समुदायों में डर और असुरक्षा का माहौल पैदा कर रही हैं।
प्रदर्शनकारियों ने खासतौर पर उन छापों का विरोध किया, जिनमें परिवारों को अलग किया गया और कई लोगों को बिना कानूनी प्रक्रिया के हिरासत में लिया गया। इन घटनाओं ने न केवल प्रवासी समुदायों को झकझोर दिया है, बल्कि पूरे अमेरिका में एक नई बहस को भी जन्म दिया है कि आखिर ‘कानून और व्यवस्था’ के नाम पर कितनी दूर तक दमन जायज़ है।

