ब्रिटेन स्थित मिस्र के टीवी एंकर का वीजा रद्द करने पर विचार
यूनाइटेड किंगडम ने फिलिस्तीन पर इज़रायल के क़ब्ज़े, युद्ध नीतियों और कार्यों और फिलिस्तीनियों के साथ एकजुटता के खिलाफ बढ़ते आक्रोश को रोकने के लिए नए उपाय शुरू किए हैं। इस संबंध में, ब्रिटेन स्थित निर्वासित टीवी एंकर मोतज़ मतार ब्रिटिश फैसले की चपेट में आने वाले पहले लोगों में से एक होंगे, क्योंकि बताया जा रहा है कि वह उन छह या सात लोगों में से एक हैं जिनका फिलिस्तीन के प्रति समर्थन, हमास का समर्थन माना जा रहा है और इसलिए उनका वीजा रद्द किया जा सकता है।
यह ख़बर ब्रिटेन के मशहूर अखबार टेलीग्राफ ने दी है। द टेलीग्राफ ने शनिवार को प्रकाशित एक रिपोर्ट में लिखा कि मोतज़ मतार को ब्रिटेन की ”निगरानी सूची” में शामिल किया गया है। और इसका कारण यह बताया गया है कि उनकी टिप्पणियाँ और विश्लेषण हमास के समर्थन में नज़र आ रहे हैं। ब्रिटेन हमास और अन्य फिलिस्तीनी प्रतिरोध समूहों को अमेरिका और इज़रायल की तरह आतंकवादी मानता है।
ग़ौरतलब है कि इज़रायल और हमास के बीच युद्ध के शुरुआती दिनों में बीबीसी लंदन से जुड़े अरबी अनुभाग के पत्रकारों की रिपोर्ट को भी टेलीग्राफ ने इसी तरह प्रमुखता दी थी कि वे अरब होने के कारण फिलीस्तीनियों के प्रति पूर्वाग्रह दिखा रहे हैं। टेलीग्राफ की इस रिपोर्ट के बाद बीबीसी के अरबी अनुभाग के अरब पत्रकारों के खिलाफ जांच शुरू की गई थी। अब जाने-माने टीवी प्रस्तोता मोतज़ मतार, जिनके यूट्यूब पर 42 मिलियन सब्सक्राइबर हैं ,अल-क़स्साम ब्रिगेड के सह-संस्थापक फ़िलिस्तीनी अब्दुल हकीम हनीनी का हाल ही में साक्षात्कार लिया गया था।
अब्दुल हकीम हनीनी ने नाज़ी पार्टी का समर्थन किया था और मुसलमानों से सड़कों पर आकर हमास का समर्थन करने की अपील भी की थी। उन्होंने कहा कि 7 अक्टूबर की घटनाएँ ऐतिहासिक थीं, ऐसा ऐतिहासिक कदम हमारे अरबों और मुसलमानों ने पहले कभी नहीं उठाया था। और दुश्मन ने हिटलर के हाथों “प्रलय ” से पहले ऐसा कोई कदम नहीं देखा था।
याद रहे, मतार ने 2013 में मिस्र छोड़ दिया था, वह बार-बार ब्रिटेन आते रहे हैं, लेकिन फिलहाल वह देश से बाहर हैं। टेलीग्राफ की रिपोर्ट के मुताबिक, उन्हें ब्रिटिश सीमा में प्रवेश की अनुमति नहीं दी जाएगी। ब्रिटेन इस पहल के जरिए इज़रायली अत्याचार के विरोध पर प्रतिबंध लगाना चाहता है।