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उत्तराखंड की दोनों सीटों पर कांग्रेस की जीत, हिमाचल में CM सुक्खू की पत्नी ने रचा इतिहास

उत्तराखंड की दोनों सीटों पर कांग्रेस की जीत, हिमाचल में CM सुक्खू की पत्नी ने रचा इतिहास

हिमाचल प्रदेश की देहरा विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह की पत्नी कमलेश ठाकुर ने जीत हासिल की है। उन्होंने बीजेपी प्रत्याशी होशियार सिंह को हरा दिया है। वहीं, हमीरपुर सीट पर बीजेपी ने कब्जा जमाया है। हिमाचल की 3 सीटों पर उपचुनाव हुए थे।

कांग्रेस नेता विक्रमादित्य सिंह ने कहा, “ये जनता का फरमान है कि उन्होंने जो मत 2022 के चुनावों में दिया था बीजेपी ने उसका सम्मान नहीं किया। हिमाचल की जनता पढ़ी-लिखी है। दल बदलने की राजनीति को प्रदेश में नकार दिया गया है। अगले चुनावों में भी प्रदेश में कांग्रेस पार्टी का अच्छा प्रदर्शन रहेगा।”

हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने विधानसभा उपचुनाव पर कहा, “हिमाचल की जनता ने हमें 2022 में 40 सीटें दी थी, हमें फिर से जिताना जनता ने तय किया है। जिस प्रकार की खरीद-फरोक्त हिमाचल में हुई है उसका जवाब जनता ने दिया है।

देहरा उपचुनाव में मैंने अपनी सरकार की साख दांव पर लगाई थी, 25 साल से कांग्रेस पार्टी वहां जीत नहीं पा रही थी। जब मुख्यमंत्री अपने परिवार के किसी व्यक्ति को मैदान में उतारता है तो उसकी साख भी दांव पर होती है, भाजपा ने पूरा जोर लगाया लेकिन मैं देहरा की जनता का धन्यवाद करता हूं कि उन्होंने अपने विवेक का इस्तेमाल किया और कमलेश ठाकुर की एक अच्छी जीत हो रही है। मैं उन्हें बधाई देता हूं।”

उत्तराखंड उपचुनाव में कांग्रेस ने बीजेपी को हरा दिया है। बद्रीनाथ से कांग्रेस प्रत्याशी लखपत सिंह बुटोला और मंगलौर से काजी निजामुद्दीन जीत गए हैं। उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता हरीश रावत ने कहा, उत्तराखंड की जनता तक परिवर्तन का संदेश थोड़ा देर में पहुंचा नहीं तो लोकसभा के नतीजे कुछ और होते। इन चुनावों में हमने जनता से कहा कि विपक्ष धर्म निभाने के लिए हम और मजबूत बनें हमें ताकत दीजिए और लोगों ने हमें वो ताकत दी है।”

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने अपने एक्स हैंडल पर पोस्ट किया, “भारत की महान जनता ने ऐतिहासिक लड़ाई लड़कर अपनी आजादी और अपना संविधान हासिल किया है। जिन्होंने संविधान को बनाया, जिनकी संविधान में आस्था है, वे ही संविधान की रक्षा करेंगे।”

उन्होंने आगे कहा, जिन्होंने संविधान लागू होने का विरोध किया, संविधान की समीक्षा करने के लिए आयोग बनाया, संविधान खत्म करने का आह्वान किया, अपने फैसलों और कृत्यों से बार-बार संविधान और लोकतंत्र की आत्मा पर प्रहार किया, वे नकारात्मक राजनीति वाला “संविधान हत्या दिवस” मनाएंगे ही, इसमें आश्चर्य कैसा?

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