सीडीएस के बयान पर कांग्रेस ने केंद्र सरकार को घेरा
भारत और पाकिस्तान के बीच बीते दिनों हुए संघर्ष को लेकर चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) अनिल चौहान ने एक बड़ा बयान दिया है। सिंगापुर में ब्लूमबर्ग को दिए एक इंटरव्यू में सीडीएस चौहान ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारत के लड़ाकू विमानों के गिरने की चर्चा पर पूछे गए सवाल पर कहा कि कि लड़ाकू विमानोंं का गिराया जाना महत्वपूर्ण नहीं है, बल्कि यह महत्वपूर्ण है कि उन्हें क्यों गिराया गया और उसके बाद हमने क्या किया।
CDS अनिल चौहान ने कहा कि कोई भी युद्ध बगैर किसी नुकसान के नहीं लड़ा जा सकता है। भारत ने पाकिस्तान को जिस प्रभावी तरीके से जवाब दिया उसकी सराहना हो रही है। अच्छी बात यह है कि हम अपनी सामरिक गलती को समझने में सक्षम हैं, उसे सुधार सकते हैं। और दो दिन बाद उसे फिर से लागू कर सकते हैं। फिर अपने सभी जेट विमानों को लंबी दूरी पर निशाना साधते हुए फिर से उड़ा सकते हैं।
सीडीएस ने पाकिस्तान के इस दावे को “बिल्कुल गलत” बताया कि उसने छह भारतीय लड़ाकू विमान मार गिराए, हालांकि उन्होंने यह स्पष्ट करने से इनकार कर दिया कि भारत ने कितने विमान खोए। जनरल चौहान ने लड़ाकू विमानों के बारे में पूछे गए सवाल के जवाब में कहा, “महत्वपूर्ण यह है कि वे क्यों नष्ट हुए, क्या गलतियां हुईं। संख्या महत्वपूर्ण नहीं है।”
कांग्रेस पार्टी ने सीडीएस अनिल चौहान के उस बयान को लेकर केंद्र सरकार से सवाल किया है, जिसमें उन्होंने कहा था कि महत्वपूर्ण ये नहीं है कि विमान गिराए गए बल्कि ये है कि वे क्यों गिरे? मामले पर कांग्रेस ने कहा कि राफेल गिरने की बात को सीडीएस ने स्वीकार कर लिया है। अब सरकार को इससे इनकार करना बंद कर देना चाहिए। साथ ही विपक्षी पार्टी ने समीक्षा समिति गठित करने की मांग की।
कांग्रेस ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके सीडीएस के बयान के जरिए राफेल से जुड़े नुकसान का मुद्दा उठाया। तेलंगाना सरकार में मंत्री और भारतीय वायु सेना के पूर्व पायलट उत्तम रेड्डी ने कहा, हमारे राफेल के गिरने को लेकर अब जब सीडीएस ने खुद स्वीकार कर लिया है तो सरकार को भी इससे इनकार करना बंद करना चाहिए। सीडीएस ने जो कहा वही बात राहुल गांधी ने कही तो उन्हें निशाना बनाया गया।
कांग्रेस ने मांग की है कि इनकार करने की बजाय सरकार को पूरे मामले की समीक्षा करनी चाहिए और वास्तव में जो हुआ उसको लेकर पारदर्शिता दिखानी चाहिए। कांग्रेस ने यह भी कहा कि भारतीय वायु सेना के प्रमुख एयर चीफ मार्शल एपी सिंह ने फाइटर एयरक्राफ्ट की डिलीवरी में होने वाली देरी को लेकर जो बयान दिया है वो वाकई चिंताजनक है। इसको लेकर भारत सरकार को उचित कदम उठाना चाहिए।

