एक और ग़ाज़ा का सामना नहीं कर सकते: एंटोनियो गुटेरेस
ग़ाज़ा पट्टी पर महिलाओं, बच्चों का नरसंहार करने के बाद भी नेतन्याहू सरकार को चैन नहीं मिला है। अब उसने लेबनान के आम नागरिकों का नरसंहार करने का काम शुरू कर दिया है। इज़रायली सरकार द्वारा ग़ाज़ा पट्टी के नरसंहार के बाद संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने अपनी असहायता व्यक्त करते हुए कहा है कि “वैश्विक समुदाय एक और ग़ाज़ा बनने देने की स्थिति में नहीं है।”
संयुक्त राष्ट्र महासभा के 79वें सत्र का उद्घाटन करते हुए गुटेरेस ने कहा कि दुनिया इस समय महत्वपूर्ण बदलावों के दौर से गुजर रही है। मौजूदा चुनौतियों की पहले कोई मिसाल नहीं है।
उन्होंने चेतावनी दी कि “हम एक ऐसे क्षण की ओर बढ़ रहे हैं जिसके बारे में हम सोच भी नहीं सकते। यह एक ऐसा बम है जो किसी भी क्षण फट सकता है और पूरी दुनिया को अपनी चपेट में ले सकता है।” वहीं मिस्र, इराक, जॉर्डन, सऊदी अरब और अन्य देशों ने चेतावनी दी है कि इज़रायल मध्य पूर्व को एक व्यापक युद्ध की ओर धकेल रहा है, जिसे तुरंत रोकना बहुत जरूरी है।
हिज़्बुल्लाह का मोसाद मुख्यालय पर हमला, अमेरिका चिंतित
हिज़्बुल्लाह ने ग़ाज़ा युद्ध शुरू होने के बाद पहली बार तेल अवीव को मिसाइल से निशाना बनाया है। उसने बुधवार सुबह तेल अवीव के पास स्थित इज़रायली खुफिया एजेंसी मोसाद के मुख्यालय पर क़दर-1 बैलिस्टिक मिसाइल दागी, लेकिन इज़रायली रक्षा प्रणाली ने मिसाइल को हवा में ही नष्ट कर दिया। हालांकि इज़रायल के इस दावे को कोई मानने के लिए तैयार नहीं है, क्योंकि नेतन्याहू कैबिनेट ने इज़रायल में पहले ही आपातकाल घोषित कर दिया है ताकि वहां होने वाले नुक़सान का किसी को पता न चल सके।
हिज़्बुल्लाह ने अपने बयान में तेल अवीव के पास मोसाद मुख्यालय को निशाना बनाने की पुष्टि की है। इस हमले पर बीबीसी ने लिखा है कि हिज़्बुल्लाह का यह मिसाइल हमला इज़रायल के लिए एक संदेश था कि इज़रायली हमलों के बावजूद, हिज़्बुल्लाह अभी भी इज़राय ल को अपने मिसाइलों से निशाना बनाने की क्षमता रखता है।
व्हाइट हाउस ने इस हमले पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा है कि लेबनानी लड़ाकों द्वारा इज़रायली शहर तेल अवीव पर दागी गई मिसाइल “बेहद चिंताजनक” है। हालांकि, युद्ध से बचने के लिए कूटनीतिक प्रयास जारी रहेंगे।