भीम संसद रथ’ को रवाना कर नीतीश ने दलित समुदाय से भीम संसद में जुटने की अपील की
जातीय गणना की रिपोर्ट जारी होने के बाद विभिन्न राजनीतिक दलों द्वारा जातियों की गोलबंदी शुरू हो गई है। इस क्रम में जेडीयू भी 5 नवंबर को पटना में ‘संविधान बचाओ, आरक्षण बचाओ, देश बचाओ’ स्लोगन के साथ ‘भीम संसद’ का आयोजन करने जा रही है। इस संसद में दलित समुदाय के जुटान के लिए पार्टी ने राज्य भर में भीम संसद रथ भेजने का फैसला किया है।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज 01, अणे मार्ग से भीम संसद रथ को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। भीम संसद रथ के माध्यम से राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जी एवं बाबा साहब भीमराव अम्बेडकर जी के आदर्श, विचार एवं उनके द्वारा किए गए कार्यों से लोगों को अवगत कराया जाएगा।
इस अवसर पर भवन निर्माण मंत्री अशोक चौधरी, मद्य निषेध, उत्पाद एवं निबंधन मंत्री सुनील कुमार, अनुसूचित जाति/जनजाति कल्याण मंत्री रत्नेश सादा, जदयू के प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा, पूर्व मंत्री संतोष कुमार निराला, पूर्व विधायक अरूण मांझी, बिहार राज्य नागरिक परिषद के पूर्व महासचिव अरविंद कुमार सहित अन्य राजनीतिक एवं सामाजिक कार्यकर्ता उपस्थित थे।
भीम संसद रथ को रवाना करने के मौके पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बताया कि भीम संसद रथ के माध्यम से राष्ट्रपिता महात्मा गांधी और बाबा साहब भीमराव अम्बेडकर के आदर्श, विचार और उनके द्वारा किये गये कार्यों से लोगों को अवगत कराया जाएगा। उन्होंने दलित समुदाय के साथ तमाम लोगों से संसद में जुटने की अपील की।
इस अवसर पर उपस्थित बिहार के भवन निर्माण मंत्री अशोक चौधरी ने कहा कि भीम संसद का आयोजन किया गया है, जिसमें नीतीश सरकार द्वारा सामाजिक समानता के लिए किए गए कार्यों को रखा जाएगा। दलित समाज को सबल बनाने के लिए किए जा रहे प्रयासों को बताया जाएगा।उन्होंने कहा कि इसके लिए सभी दलित भाइयों को 5 नवंबर के कार्यक्रम में मजबूती के साथ भाग लेने के लिए आमंत्रण दिया जाएगा।
सीएम नीतीश ने वर्ष 2007 में पंचायती व्यवस्था में आरक्षण को प्रभावी किया जिसके बाद बड़ी संख्या में दलित और अति पिछड़ा वर्ग के लोग मुखिया और अन्य पदों पर निर्वाचित हुए। साथ ही अनुसूचित जाति और अनुसूचित जन जाति विभाग और अतिपिछड़ा वर्ग विभाग का गठन हुआ जिसके बाद इन वर्गों के कल्याण के लिए कई योजनाएं क्रियान्वित हुई।
भाजपा पर कटाक्ष करते हुए उन्होंने कहा कि भीम संसद के पूर्व इन रथों से दलित-अति पिछड़ा वर्ग के बीच जाकर जदयू यह संदेश देगी कि जो आपके कल्याण और सशक्तीकरण के लिए खड़ा रहा हैआप भी उसके साथ रहें। उन्होंने कहा कि देश में दलितों के अधिकारों को छीनने का काम किया जा रहा है इसलिए ऐसे दलों से जदयू लोगों को दूर रहने के लिए जागरूक करेगी।