एनसीपी के दोनों गुटों को अब एक हो जाना चाहिए: सुनंदा पवार

एनसीपी के दोनों गुटों को अब एक हो जाना चाहिए: सुनंदा पवार

केंद्रीय गृहमंत्री शायद ही किसी की सालगिरह पर उनके घर गए हों, लेकिन 12 दिसंबर को उन्होंने दिल्ली स्थित शरद पवार के सरकारी आवास पर जाकर उनसे मुलाकात की। खास बात यह है कि इससे पहले सुबह शरद पवार के बागी भतीजे अजित पवार भी उनसे मिलने पहुंचे थे। इन मुलाकातों के बाद अटकलों का दौर शुरू हो गया। हालांकि, अजित पवार ने इसे पारिवारिक मुलाकात बताया है, लेकिन सूत्रों के अनुसार इस मुलाकात में केंद्र में मंत्रालय हासिल करने की कोशिशें शामिल थीं। अजित पवार के समर्थक और विरोधी दोनों ही खेमों के बयानों से इस बात की पुष्टि होती है।

क्या शरद पवार के दरवाजे मंत्रालय के लिए खुले हैं?
शिवसेना (उद्धव) के प्रवक्ता संजय राउत ने कहा है कि अजित पवार की पार्टी को अब तक केंद्र में कोई मंत्रालय नहीं मिला है। एनडीए में यह तय हुआ है कि छह सांसदों पर एक मंत्रालय मिलेगा, जबकि अजित पवार के पास सिर्फ एक सांसद, सुनील तटकरे, हैं। इसलिए उन्हें मंत्रालय नहीं दिया गया। राउत ने कहा, “अजित पवार चाहते हैं कि किसी तरह शरद पवार की पार्टी के पांच सांसद उनके खेमे में आ जाएं, ताकि उनकी पार्टी के सांसदों की संख्या छह हो जाए और उन्हें मंत्रालय मिल सके।”

संजय राउत ने शरद पवार पर भरोसा जताते हुए कहा, “शरद पवार ने बड़ी मेहनत से अपनी पार्टी बनाई है और अपने सांसदों को जिताकर संसद तक पहुंचाया है। अगर कोई उनके साथ गद्दारी करके अजित पवार के साथ चला गया, तो यह बहुत ही शर्मनाक बात होगी।” उन्होंने आगे कहा, “बालासाहेब ठाकरे के बाद शरद पवार महाराष्ट्र के सबसे बड़े नेता हैं। अगर किसी ने उनके साथ बेईमानी की, तो यह महाराष्ट्र के साथ बेईमानी होगी।”

शरद पवार के खेमे में भी बदलने लगे सुर
इस बीच, बीजेपी और शिवसेना (शिंदे) की ओर से बार-बार यह दावा किया जा रहा है कि एनसीपी (शरद) के कम से कम छह सांसद महायुति के संपर्क में हैं और वे अपना खेमा बदल सकते हैं। अब खुद शरद पवार के खेमे के भीतर भी इस तरह की बातें होने लगी हैं।

शरद पवार की बहू और युवा विधायक रोहित पवार की मां सुनंदा पवार ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि एनसीपी के दोनों गुटों को एक हो जाना चाहिए। उन्होंने कहा, “अजित पवार गुट और शरद पवार गुट एक होंगे या नहीं, यह फिलहाल कहना मुश्किल है। हर परिवार में मतभेद होते हैं। ये मतभेद खत्म हो सकते हैं और दोनों एक हो सकते हैं। मुझे लगता है कि उन्हें एक हो जाना चाहिए।”

सुनंदा पवार ने कहा, “मुट्ठी एक हो तो ताकत बढ़ जाती है। हम अगर बिखर जाएं तो ताकत कम हो जाती है। लेकिन कौन किसके साथ जाएगा, यह फैसला दोनों को करना है।” जब उनसे पूछा गया कि क्या शरद पवार को सत्ता के साथ जाना चाहिए, तो उन्होंने जवाब दिया, “शरद पवार 60 साल से राजनीति में हैं और उन्होंने सत्ता कई बार देखी है। इस बार वे जाएंगे या नहीं, यह सिर्फ वही बता सकते हैं।”

दोनों गुट एक हो जाएं तो खुशी होगी
पुणे में एनसीपी (शरद) के प्रमुख नेता अंकुश काकड़े ने भी संकेत दिया है कि शरद पवार और अजित पवार का गुट एक हो जाए तो लोगों को खुशी होगी। उन्होंने कहा, “शरद पवार के जन्मदिन पर अजित पवार ने उन्हें बधाई दी, यह अच्छी बात है। अब ऐसी खबरें भी आ रही हैं कि शरद पवार और अजित पवार का गुट एक हो सकता है। कार्यकर्ताओं की भी यही इच्छा है कि दोनों गुट एक हो जाएं।”

अंकुश काकड़े ने कहा, “सभी को मिलकर काम करना चाहिए। कार्यकर्ता यही चाहते हैं। अगर ऐसा हुआ, तो इससे बड़ी खुशी की बात कोई नहीं होगी।” हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि इस मामले में अंतिम फैसला शरद पवार को करना है। जो फैसला वे करेंगे, उसे सभी मानेंगे।

अजित पवार गुट की ओर से स्वागत
इस दौरान अजित पवार गुट के नेता अमोल मिटकरी ने सुनंदा पवार के बयान का स्वागत किया और कहा, “अगर शरद पवार गुट के सदस्य हमारे साथ आना चाहते हैं, तो हम उनका स्वागत करेंगे। लेकिन उन्हें पूरी ईमानदारी के साथ अजित पवार के नेतृत्व को स्वीकार करना होगा, जिनके नेतृत्व में इस वक्त एनसीपी तेजी से प्रगति कर रही है।”

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