फिलिस्तीन समर्थकों का यूरोपीय संसद के सामने बड़ा प्रदर्शन
यूरोपीय संघ का मुख्यालय, फिलिस्तीन समर्थकों के बड़े प्रदर्शन का गवाह बना, जिसमें इज़रायली शासन की नीतियों और ग़ाज़ा में की जा रही हिंसक कार्रवाइयों के खिलाफ गुस्सा व्यक्त किया गया। येनि शफक तुर्की की रिपोर्ट के अनुसार, यह प्रदर्शन बेल्जियम की राजधानी ब्रसेल्स में स्थित यूरोपीय संसद भवन के सामने आयोजित हुआ।
क़माल अदवान अस्पताल के निदेशक डॉ. हुसाम अबू सुफिया की तत्काल रिहाई की मांग
प्रदर्शन में भाग लेने वाले ज्यादातर लोग स्वास्थ्य क्षेत्र से जुड़े थे, जिन्होंने इज़रायली सेना द्वारा ग़ाज़ा पट्टी में किए गए नरसंहार, अस्पतालों और स्वास्थ्य सुविधाओं पर हमलों और चिकित्सा कर्मियों के उत्पीड़न की कड़ी निंदा की। प्रदर्शनकारियों ने हाथों में फिलिस्तीन के झंडे लेकर देश की स्वतंत्रता की मांग की और विशेष रूप से ग़ाज़ा के क़माल अदवान अस्पताल के निदेशक डॉ. हुसाम अबू सुफिया की तत्काल रिहाई पर जोर दिया।
इज़रायली सैनिकों द्वारा अस्पताल पर हमला और गिरफ्तारी
पिछले हफ्ते शुक्रवार को ज़ायोनी सैनिकों ने उत्तरी ग़ाज़ा में स्थित क़माल अदवान अस्पताल पर हमला कर उसे आग के हवाले कर दिया। यह अस्पताल उत्तरी ग़ाज़ा के लिए मुख्य चिकित्सा केंद्र है, जहां सैकड़ों मरीजों का इलाज किया जाता था। इस हमले में अस्पताल के निदेशक डॉ. हुसाम अबू सुफिया और 300 से अधिक नागरिकों, जिनमें मरीज और चिकित्सा कर्मी शामिल थे, को इज़राइली सेना ने हिरासत में ले लिया। यह हमला अंतरराष्ट्रीय मानवीय कानूनों और स्वास्थ्य सुविधाओं की सुरक्षा के अधिकार का स्पष्ट उल्लंघन था।
अंतरराष्ट्रीय संगठनों की प्रतिक्रिया
इस घटना पर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर तीखी प्रतिक्रिया आई। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के महानिदेशक टेड्रोस अधनोम ने कहा कि डॉ. हुसाम अबू सुफिया का पता अब तक नहीं चल पाया है और उनकी सुरक्षा को लेकर गहरी चिंता जताई। उन्होंने डॉ. सुफिया की तुरंत रिहाई की मांग की। इस बीच, प्रदर्शनकारियों ने इस घटना को मानवता के खिलाफ अपराध बताया और ग़ाज़ा पट्टी में ज़ायोनी शासन द्वारा किए जा रहे अत्याचारों को रोकने के लिए ठोस कदम उठाने की मांग की।
ग़ाज़ा पर इज़रायल का हमला
इज़राइली सेना ने ग़ाज़ा पट्टी पर हमले जारी रखते हुए अब तक 45,800 से अधिक फिलिस्तीनियों को शहीद और 1,09,000 से अधिक लोगों को घायल कर दिया है। इसके साथ ही, स्वास्थ्य सुविधाओं, स्कूलों, और अन्य नागरिक ठिकानों को निशाना बनाया गया है, जिससे ग़ाज़ा में जीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ है।
फिलिस्तीन समर्थकों की मांग
प्रदर्शन में शामिल लोगों ने ग़ाज़ा के लोगों के प्रति एकजुटता व्यक्त करते हुए यूरोपीय संघ से अपील की कि वह इज़रायल की हिंसक नीतियों को रोकने के लिए प्रभावी कदम उठाए। साथ ही, उन्होंने फिलिस्तीन की स्वतंत्रता और ग़ाज़ा में शांति बहाल करने की मांग की। यह प्रदर्शन यूरोपीय संसद और अंतरराष्ट्रीय समुदाय को एक संदेश था कि ग़ाज़ा में हो रहे अत्याचारों को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता और मानवता के लिए जल्द से जल्द ठोस कार्रवाई की आवश्यकता है।