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बांग्लादेश की सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी BNP ने ‘इंडिया आउट’ अभियान शुरू किया

बांग्लादेश की सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी BNP ने ‘इंडिया आउट’ अभियान शुरू किया

मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू जब विपक्ष में थे, तो उनकी पार्टी ने एंटी-इंडिया कैम्पेन चलाया था और फिर उनकी पार्टी सत्ता में आई थी, जिसके बाद मोहम्मद मुइज्जू ने भारत के खिलाफ एक तरह से ‘जंग’ छेड़ दी है। लेकिन, मालदीव की राह पर अब बांग्लादेश की विपक्षी पार्टी भी चल पड़ी है। बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) के नेतृत्व में बांग्लादेश में ‘इंडिया आउट’ मूवमेंट में हालिया चिंताजनक उछाल, देखने को मिल रहा है, जिसने भारत के साथ संबंधों में तनाव पैदा कर दिया है।

इससे पहले मालदीव के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू ने अपने चुनावी प्रचार में इंडिया आउट ऑपरेशन की शुरुआत की थी। इसकी मदद से मोहम्मद मुइज्जू ने भारत समर्थक इब्राहिम मोहम्मद सोलिह को चुनाव में हरा दिया था। बीएनपी का इस तरह का आंदोलन शुरू करने का निर्णय बांग्लादेश में भारत विरोधी भावनाओं को उभारने की कोशिश है, जो भविष्य में दोनों देशों के रिश्तों में मुश्किल भी बन सकता है।

यूरेशियन टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (BNP) प्रमुख बेगम खालिदा जिया के बेटे तारिक रहमान ने इंडिया आउट ऑपरेशन की शुरुआत की है। वो मौजूदा वक्त में बीएनपी के कार्यवाहक अध्यक्ष हैं। BNP के नेतृत्व में बांग्लादेश में इंडिया आउट मूवमेंट मालदीव के उस अभियान की याद दिलाती है, जिसकी वजह से आज भारत और मालदीव के संबंधों में तनाव पैदा हो गया है।

बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (BNP) देश की इस्लामिक पार्टी है। अमेरिका इस पार्टी को टियर-III आतंकवादी संगठन घोषित कर चुका है। इसकी वजह से BNP ने ‘इंडिया आउट’ आंदोलन शुरू किया है। इस दौरान BNP के कार्यकर्ता ‘भारत बांग्लादेश का मित्र नहीं है और भारत बांग्लादेश को तबाह कर रहा है’, जैसे नारे लगा रहे हैंं। BNP के कार्यकर्ता सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर भारत विरोधी नारे पोस्ट कर भावनाएं भड़काने की कोशिश कर रहे हैं। वो सोशल मीडिया की मदद से ही भारत विरोधी आंदोलन को नेपाल तक पहुंचाने की कोशिश में हैं।

सोशल मीडिया पर बीएनपी कार्यकर्ता कह रहे हैं कि भारत कभी भी बांग्लादेश का मित्र नहीं है, वह हमारे देश को खोखला कर रहे है। बीएनपी कार्यकर्ता कह रहे हैं कि 1971 के युद्ध में भी भारतीय मदद के लिए नहीं, बल्कि बंगालियों का कीमती सामान लूटने के लिए आए थे और कीमती चीजें सीमा पार ले गए थे। ऐसे में भारतीय उत्पादों के बहिष्कार की घोषणा की जानी चाहिए और देश से भारत की दखल को कम करना चाहिए।

बीएनपी के कार्यकर्ता भारत से अच्छे रिश्ते रखने के लिए सत्तारूढ़ आवामी लीग और प्रधानमंत्री शेख हसीना को भी निशाने पर ले रहे हैं। साथ ही भविष्य में सत्ता मिलने पर भारत का दखल बांग्लादेश से कम करने का वादा कर रहे हैं।

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