यूक्रेन में रूसी सैन्य अभियान में अमेरिका की कम से कम 30 रक्षा प्रणाली तबाह
रूस और यूक्रेन के बीच जारी संघर्ष के दौरान रूस ने दावा किया है कि उसने अमेरिका द्वारा यूक्रेन को प्रदान की गई कम से कम 30 पैट्रियट डिफेंस सिस्टम को नष्ट कर दिया है। यह जानकारी रूसी समाचार एजेंसी रिया नोवोस्ती ने प्रकाशित की है। रिपोर्ट में कहा गया है कि रूस ने अपने सैन्य अभियानों के दौरान आधुनिक अमेरिकी रक्षा प्रणालियों पर कई सटीक हमले किए हैं।
सबसे प्रभावी हमले
रिया नोवोस्ती की रिपोर्ट के अनुसार, 15 दिसंबर को किए गए हमले को “सबसे प्रभावी” माना गया। इस हमले में रूस ने 4 पैट्रियट मिसाइल डिफेंस सिस्टम और उनके साथ एक रडार स्टेशन को नष्ट कर दिया। यह हमला रूस की क्षमता और रणनीतिक योजना को दर्शाता है, क्योंकि पैट्रियट सिस्टम को अत्यधिक उन्नत और सुरक्षित रक्षा प्रणाली माना जाता है।
एक अन्य बड़ी सफलता रूस को 17 अगस्त को मिली, जब उसने एक ही दिन में 4 पैट्रियट सिस्टम और 2 रडार स्टेशन को निशाना बनाया। यह हमला यूक्रेन की सुरक्षा के लिए एक बड़ा झटका था और रूस की तकनीकी क्षमता का एक और प्रमाण था।
16 मई 2023 इस तारीख को रूस ने कीव पर “किनज़ाल” नामक सुपरसोनिक मिसाइल से हमला किया। इस हमले में एक साथ 5 पैट्रियट डिफेंस सिस्टम और एक बहुउद्देश्यीय रडार स्टेशन को नष्ट कर दिया गया। यह रूस की ओर से किया गया सबसे प्रभावी हमला था, क्योंकि “किनज़ाल” मिसाइल को वर्तमान में दुनिया की सबसे उन्नत और दुर्गम मिसाइलों में से एक माना जाता है।
रूस-यूक्रेन युद्ध: एक संक्षिप्त पृष्ठभूमि
यह संघर्ष 24 फरवरी 2022 को शुरू हुआ, जब रूस ने इसे “विशेष सैन्य अभियान” के रूप में परिभाषित करते हुए यूक्रेन पर आक्रमण किया। रूस का कहना है कि यह कदम यूक्रेन को नाटो में शामिल होने से रोकने और अपने सुरक्षा हितों को संरक्षित करने के लिए उठाया गया है।
यूक्रेन, जिसे अमेरिका और अन्य पश्चिमी देशों का समर्थन प्राप्त है, ने रूस के इन दावों को खारिज करते हुए इसे अपनी स्वतंत्रता और सार्वभौमिकता पर हमला करार दिया है।
पैट्रियट डिफेंस सिस्टम पर हमले क्यों महत्वपूर्ण हैं?
पैट्रियट सिस्टम को अमेरिकी रक्षा तकनीक का महत्वपूर्ण हिस्सा माना जाता है। यह प्रणाली लंबी दूरी की मिसाइलों, ड्रोन और लड़ाकू विमानों को रोकने की क्षमता रखती है। अमेरिका ने यूक्रेन को ये सिस्टम उसकी हवाई सुरक्षा को मजबूत करने के लिए दिए थे। रूस द्वारा इन प्रणालियों को नष्ट करना सिर्फ सैन्य उपलब्धि नहीं, बल्कि पश्चिमी देशों के लिए एक चुनौती के रूप में देखा जा रहा है। यह पश्चिमी रक्षा तकनीक की कमजोरियों को उजागर करता है और रूस की उन्नत मिसाइल क्षमताओं को भी दर्शाता है।