अमेरिका का दोहरा चरित्र, फिलिस्तीनियों के नरसंहार में शामिल बटालियन की मदद करने के बाद प्रतिबंध लगाएगा
तेल अवीव: फिलिस्तीन के वेस्ट बैंक में इज़रायली सेना पर मानवाधिकार उल्लंघन के गंभीर आरोप लगते रहे हैं। ऐसे में अब खबर है कि अमेरिका वहां आम लोगों को निशाना बनाने के आरोप में इज़रायली रक्षा बलों (IDF) की एक यूनिट पर प्रतिबंधों की घोषणा कर सकती है। एक्सियो समाचार साइट ने शनिवार को यह खबर दी है। अगर ऐसा होता है तो किसी इज़रायली सैन्य टुकड़ी के खिलाफ बाइडन प्रशासन की पहली कार्रवाई होगी।
फ़िलिस्तीन के वेस्ट बैंक में इज़रायली सेना पर मानवाधिकार उल्लंघन के गंभीर आरोप लगते रहे हैं। ऐसे में अब अमेरिका वहां आम लोगों को निशाना बनाने के आरोप में नेत्जाह येहुदा बटालियन पर प्रतिबंध लगाने का एलान कर सकता है। अगर ऐसा होता है तो किसी इज़रायली सैन्य टुकड़ी के खिलाफ बाइडन प्रशासन की यह पहली कार्रवाई होगी। हालांकि विशेषज्ञ, इसे फ़िलिस्तीनियों के नरसंहार पर अमेरिकी सरकार द्वारा इज़रायल की मदद किए जाने पर वहां की जनता में उभरे आक्रोश को कम करने की सियासत के रूप में देख रहे हैं।
नेत्जाह येहुदा दक्षिणपंथी उग्रवाद और फ़िलिस्तीनियों के ख़िलाफ़ हिंसा को लेकर पिछले कई दिनों से विवादों में घिरी रही है। इसमें 78 साल के फ़िलिस्तीनी-अमेरिकी नागरिक उमर असद की मौत भी शामिल है, जिनकी बटालियन के सैनिकों द्वारा हिरासत में लिए जाने के बाद मौत हो गई थी। द टाइम्स ऑफ इज़रायल की रिपोर्ट के अनुसार, उसके हाथों में हथकड़ी डालकर और आंखों पर पट्टी बांधकर कड़ाके की ठंड में बाहर छोड़ दिया गया था, जिससे उनकी मौत हो गई।
अमेरिका के इस संभावित कदम से इज़रायली प्रधानमंत्री नेतन्याहू खासे नाराज दिख रहे हैं। उन्होंने शनिवार रात कहा, ‘इज़रायली सुरक्षा बलों पर प्रतिबंध नहीं लगाया जाना चाहिए। हमारे सैनिक आतंकवादी से लड़ रहे हैं। आईडीएफ यूनिट पर प्रतिबंध लगाने का इरादा बेतुकापन है।’