अमेरिका दुनिया का सबसे अड़ियल देश है: उत्तर कोरिया
अमेरिका की उत्तर कोरिया के प्रति शत्रुतापूर्ण नीति नहीं बदली है।” उत्तर कोरिया ने यह बयान अमेरिकी विदेश मंत्री रुबियो की टिप्पणियों को खारिज करते हुए दिया। उत्तर कोरिया की सरकारी समाचार एजेंसी, जो देश की सरकार के रुख को दर्शाती है, ने अमेरिकी विदेश मंत्री के उत्तर कोरिया पर दिए गए बयान को “झूठा और अत्यधिक भड़काऊ” बताया।
अमेरिकी विदेश मंत्री ने अपने सीनेट सत्र और हाल के इंटरव्यू में कई बार उत्तर कोरिया को “उद्दंड राष्ट्र” और उसके नेता किम जोंग उन को “तानाशाह” कहा है। उत्तर कोरिया की सरकारी समाचार एजेंसी ने चेतावनी दी कि “ये अपमानजनक बयान गंभीर राजनीतिक उकसावे को जन्म देंगे, जो पूरी तरह से अंतरराष्ट्रीय कानूनों के सिद्धांतों का उल्लंघन है।”
यह टिप्पणी ऐसे समय में आई है जब पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपने पहले कार्यकाल में उत्तर कोरिया के नेता से तीन बार मुलाकात की थी, लेकिन इन बैठकों से दोनों देशों के बीच मतभेद नहीं सुलझे। उत्तर कोरिया की समाचार एजेंसी के बयान में कहा गया है कि “रुबियो की टिप्पणियां एक बार फिर इस बात की पुष्टि करती हैं कि अमेरिका की उत्तर कोरिया के प्रति शत्रुतापूर्ण नीति बरकरार है।”
यह पहली बार है जब उत्तर कोरिया ने डोनाल्ड ट्रंप के राष्ट्रपति बनने और उनकी उत्तर कोरिया नीति को लेकर सीधा बयान दिया है। उत्तर कोरिया की सरकारी मीडिया ने अमेरिकी विदेश मंत्री की टिप्पणी को “उत्तर कोरिया के प्रति गहरी शत्रुता” बताया और कहा, “अगर उन्होंने हमारे बारे में कुछ सकारात्मक कहा होता, तो यह ज्यादा चौंकाने वाला होता।”
ऐसा लगता है कि यह बयान रूबियो के उस इंटरव्यू की प्रतिक्रिया में आया है, जिसमें उन्होंने “मस्ट वॉच” शो की मेगन केली से कहा था कि “ईरान और उत्तर कोरिया जैसे उद्दंड देशों का सामना किया जाना चाहिए।”
अमेरिकी विदेश मंत्री ने अपने पुष्टि सत्र में कहा था: “मास्को, तेहरान और प्योंगयांग में तानाशाह और उद्दंड देश अराजकता फैला रहे हैं, वे कट्टरपंथी आतंकवादी समूहों के साथ गठबंधन कर रहे हैं और उन्हें आर्थिक सहायता प्रदान कर रहे हैं।” उत्तर कोरिया के विदेश मंत्रालय ने इन बयानों को खारिज करते हुए कहा कि “अमेरिका दुनिया का सबसे उद्दंड देश है।”
उत्तर कोरिया के विदेश मंत्रालय ने चेतावनी देते हुए कहा, “रुबियो की भद्दी और तर्कहीन टिप्पणियां इस नवगठित सरकार के उत्तर कोरिया को लेकर विकृत दृष्टिकोण को उजागर करती हैं, और इस तरह की बयानबाजी अमेरिका के राष्ट्रीय हितों को आगे बढ़ाने में कोई मदद नहीं करेगी।”