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अमेरिका: हिलेरी क्लिंटन “मेडल ऑफ़ फ़्रीडम” पदक से सम्मानित

अमेरिका: हिलेरी क्लिंटन “मेडल ऑफ़ फ़्रीडम” पदक से सम्मानित

अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने 19 प्रमुख हस्तियों को अमेरिका का सबसे बड़ा नागरिक सम्मान “मेडल ऑफ़ फ्रीडम” (Medal of Freedom) प्रदान किया। यह समारोह व्हाइट हाउस में आयोजित किया गया, जहां राजनीतिक, सांस्कृतिक, खेल और अन्य क्षेत्रों में उत्कृष्ट योगदान देने वालों को इस सम्मान से नवाज़ा गया।

हिलेरी क्लिंटन को विशेष सम्मान
इस समारोह की शुरुआत पूर्व विदेश मंत्री और 2016 की राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार हिलेरी क्लिंटन के सम्मान से हुई। यूएसए टुडे के मुताबिक, इस समारोह में सबसे पहले पूर्व विदेश मंत्री हिलेरी क्लिंटन को सम्मानित किया गया। बाइडेन ने उन्हें अपने देश में विशेष सार्वजनिक सेवा का प्रतीक बताया। राष्ट्रपति बाइडेन ने क्लिंटन की प्रशंसा करते हुए उन्हें “देश की विशेष सार्वजनिक सेवा का प्रतीक” बताया। बाइडेन ने उनके राजनैतिक और सामाजिक योगदान को अमेरिका के लिए महत्वपूर्ण करार दिया।

जॉर्ज सोरोस और खेल हस्तियां भी सम्मानित
राजनीतिक कार्यकर्ता और अरबपति जॉर्ज सोरोस को भी इस पदक से सम्मानित किया गया। इसके अलावा, खेल जगत से अर्जेंटीना के मशहूर फुटबॉल खिलाड़ी लियोनेल मेसी को यह पदक प्रदान किया गया। हालांकि, मेसी समारोह में व्यक्तिगत रूप से शामिल नहीं हो सके। पदक पाने वाले सभी लोगों को संबोधित करते हुए बाइडेन ने कहा, “आप सभी वास्तव में इस राष्ट्र के विश्वास का प्रतीक हैं। आपने जरूरतमंदों की मदद की, निराश लोगों को आशा दी, और राष्ट्र के लिए अद्वितीय यादें बनाई।”

मरणोपरांत सम्मान
इस समारोह में चार दिवंगत हस्तियों को भी मरणोपरांत “मेडल ऑफ़ फ्रीडम” दिया गया। इनमें अमेरिका के पूर्व अटॉर्नी जनरल रॉबर्ट एफ. कैनेडी का नाम सबसे प्रमुख था। हालांकि, हिलेरी क्लिंटन और जॉर्ज सोरोस को यह पदक प्रदान करने के फैसले को लेकर विवाद खड़ा हो गया। रिपब्लिकन पार्टी के नेताओं ने बाइडेन के इस कदम की कड़ी आलोचना की। उनका कहना था कि यह सम्मान उन लोगों को दिया जाना चाहिए, जिनका योगदान सभी के लिए निर्विवाद रूप से प्रेरणादायक हो।

समारोह का महत्व
“मेडल ऑफ़ फ्रीडम” सम्मान समारोह, अमेरिका में उन लोगों की पहचान और प्रशंसा का अवसर है, जिन्होंने अपने कार्यों से देश और समाज को बेहतर बनाने में योगदान दिया है। इस बार यह आयोजन कई चर्चित नामों और राजनीतिक विवादों के कारण खासा सुर्खियों में रहा।

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