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यमन पर अमेरिका का दोबारा हवाई हमला, युद्ध भड़काने की कोशिश

यमन पर अमेरिका का दोबारा हवाई हमला, युद्ध भड़काने की कोशिश

फ़ार्स न्यूज़ एजेंसी इंटरनेशनल ग्रुप; मंगलवार शाम को यमनी सूत्रों ने इस देश पर अमेरिकी आतंकवादियों के बार-बार आक्रामक और आपराधिक हमलों की घोषणा की। “अल-मसीरा” नेटवर्क ने बताया कि अमेरिकी युद्धक विमानों ने यमन के उत्तर में “सादा” प्रांत में स्थित “मज्ज” शहर के “तखियेह” क्षेत्र को निशाना बनाया।

कुछ मिनट बाद, यमन के उत्तर-पश्चिम में स्थित हज्जाह प्रांत में अल-मसीरा रिपोर्टर ने बताया कि “मिदी” शहर में “बहिस” क्षेत्र को भी अमेरिकी हमलों का निशाना बनाया गया है। इसके अलावा, यमनी सूत्रों ने कहा कि अमेरिकी लड़ाकों ने यमन के उत्तर में “सदा” प्रांत में स्थित “अल-सफरा” शहर में “अल-असैयद” क्षेत्र पर 4 बार बमबारी की।

एक घंटे बाद, अल जज़ीरा ने बताया कि अमेरिकी युद्धक विमानों ने यमन के पश्चिम में स्थित होदैदा शहर के पूर्व के इलाकों को निशाना बनाया। इसके अलावा, होदैदा प्रांत के “अल मीना” शहर में अल-अहली क्लब की इमारत पर दो बार बमबारी की गई।

रविवार से ही अमेरिकी सरकार ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के आदेश पर इज़रायल से संबंधित जहाजों की सुरक्षा करने के लिए यमनी क्षेत्र पर हवाई हमले फिर से शुरू और तेज कर दिए।

यमनी अधिकारियों का कहना है कि सैन्य सुविधाओं और बुनियादी ढांचे को निशाना बनाने के अमेरिकी दावों के विपरीत, वे आवासीय और आम नागरिक की इमारतों पर हमला करते हैं और इस देश के नागरिकों को शहीद करते हैं।

अगर देखा जाए तो अमेरिका और इज़रायल पूरे मिडिल ईस्ट की सुरक्षा और शांति के लिए बड़ा ख़तरा बन चुके हैं। ग़ा़ज़ा, सीरिया और लेबनान को मुख्य उदाहरण के रूप में देखा जा सकता है। ट्रंप प्रशासन  जिस तरह से इज़रायल द्वारा किए जा रहे अत्याचार और नरसंहार  का समर्थन कर रहा है, वह यह दर्शाता है कि इज़रायली अत्याचार और नरसंहार पर उसकी और बाइडेन प्रशासन की, एक ही नीति है।

ग़ा़ज़ा, सीरिया और लेबनान में इज़रायल ने जिस तरह से अशांति फैलाई है, और जिस तरह से उसके सहयोगी अल-जूलनी ने सीरिया में अपने ही नागरिकों का नरसंहार किया है, उसे देखकर यह बात साफ़ हो जाती है कि, वह अपनी विस्तारवादी और अआक्रमणकारी नीति के लिए पूरी दुनिया को युद्ध की आग में झोंकने के लिए तैयार है।

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