तेहरान के बाद इस्माइल हानिया की दोहा में दोबारा नमाज़े जनाज़ा

तेहरान के बाद इस्माइल हानिया की दोहा में दोबारा नमाज़े जनाज़ा

क़तर: इस्माइल हानिया, जो कि हमास के प्रमुख नेताओं में से एक हैं कि, कतर की राजधानी दोहा में भी नमाज़े जनाज़ा आयोजित की गई। यह एक महत्वपूर्ण और भावुक अवसर था, जिसमें हानिया के परिजनों, सहयोगियों, और कतर की स्थानीय मुस्लिम समुदाय के कई सदस्य शामिल हुए। इस्माइल हानिया हमास के एक प्रमुख नेता हैं, जिन्होंने लंबे समय से फिलिस्तीनी संघर्ष में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। वह गाजा पट्टी के प्रधानमंत्री भी रह चुके हैं।

नमाजे जनाजा की तैयारियाँ
दोहा की एक प्रमुख मस्जिद में नमाजे जनाज़ा की तैयारियाँ की गईं। मस्जिद को इस मौके के लिए विशेष रूप से सजाया गया और सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे। इस नमाजे जनाज़ा में बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए, जिसमें हानिया के परिवार के सदस्य, हमास के वरिष्ठ अधिकारी, और कतर की सरकार के प्रतिनिधि भी शामिल थे। कई देशों से आये मुस्लिम समुदाय के लोग भी इस अवसर पर शामिल हुए, जो इस्माइल हानिया के प्रति अपनी श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए उपस्थित थे।

नमाजे जनाजा का आयोजन
नमाजे जनाज़ा के दौरान, इमाम ने हानिया के जीवन और उनके योगदान की सराहना करते हुए उन्हें एक महान नेता और मुस्लिम योद्धा के रूप में सम्मानित किया। नमाजे जनाज़ा के बाद, हानिया के लिए विशेष दुआएं की गईं और उनके परिवार के प्रति संवेदना व्यक्त की गई।

धार्मिक और सामाजिक महत्व
इस नमाजे जनाज़ा ने हानिया के प्रति लोगों की भावनाओं को उजागर किया और यह दिखाया कि उन्होंने अपने जीवन में किस प्रकार से लोगों के दिलों में स्थान बनाया। यह आयोजन इस बात का प्रतीक था कि फिलिस्तीनी संघर्ष और इस्माइल हानिया के योगदान को व्यापक स्तर पर मान्यता प्राप्त है।

इस्माइल हानिया के प्रति लोगों की गहरी श्रद्धा और सम्मान
इस्माइल हानिया की दोहा में आयोजित नमाजे जनाज़ा एक महत्वपूर्ण और भावुक अवसर था, जिसने उनके प्रति लोगों की गहरी श्रद्धा और सम्मान को प्रदर्शित किया। यह आयोजन न केवल उनके परिवार और सहयोगियों के लिए बल्कि पूरे मुस्लिम समुदाय के लिए भी एक महत्वपूर्ण क्षण था, जो हानिया के योगदान और उनकी नेतृत्व क्षमता को सम्मानित करने के लिए एकत्रित हुए थे।

तेहरान में सर्वोच्च नेता आयतुल्लाह ख़ामेनेई ने पढ़ाई नमाज़े जनाज़ा
बता दें कि, इस्माइल हानिया को तेहरान में धोखे से घात लगा कर शहीद कर दिया गया था। दोहा में उनकी दोबारा नमाज़े जनाज़ा हुई है। इससे पहले उनकी नमाज़े जनाज़ा तेहरान में हुई थी। इस्माइल हानिया की तेहरान में नमाज़े जनाज़ा, ईरान के सर्वोच्च नेता आयतुल्लाह ख़ामेनेई ने पढ़ाई थी, जिसमे पांच लाख से ज़्यादा की संख्या में लोगों ने शिरकत की। तेहरान में उनकी नमाज़े जनाज़ा में पांच किलोमीटर तक उनके चाहने वालों की भीड़ थी। सबके हाथों में फिलिस्तीनी झंडा और इस्माइल हानिया की फोटो थी।

“इज़रायल मुर्दाबाद” और “अमेरिका मुर्दाबाद” के लगे नारे
नमाज़े जनाज़ा में शरीक जनता “इज़रायल मुर्दाबाद” और “अमेरिका मुर्दाबाद” के नारे लगा रही थी, और सभी ईरानी सरकार से इज़रायली हमले का बदले लेने की मांग कर रहे थे। ध्यान रहे की ईरान ने इस हमले का ज़िम्मेदार इज़रायल को बताया है और वहां के सुप्रीम लीडर आयतुल्लाह ख़ामेनेई ने कहा था कि, हानिया हमारे मेहमान थे। उनको हमारे मुल्क में शहीद किया गया है। उनके ख़ून का बदला लेना हमारे ऊपर वाजिब है। उनके इस बयान के बाद इज़रायल में दहशत का माहौल है। पूरा इज़रायल हाई अलर्ट पर है।

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