ज़मानत पर बाहर आने के बाद बोले संजय सिंह- जश्न नहीं, संघर्ष का वक़्त
आम आदमी पार्टी (AAP) के राज्यसभा सांसद संजय सिंह 6 महीने बाद कल रात 8:15 बजे तिहाड़ जेल से जमानत पर रिहा हो गए। जेल से निकलकर उन्होंने कार्यकर्ताओं का अभिवादन किया। इसके बाद वह सीधे अरविंद केजरीवाल के घर गए। संजय ने अरविंद की पत्नी सुनीता केजरीवाल से मुलाकात की, उनके पैर छुए।
कोर्ट ने संजय सिंह की जमानत के लिए तीन शर्तें रखीं। पहला- वे जेल से बाहर जाकर आबकारी नीति केस से जुड़ी कोई बयानबाजी नहीं करेंगे। दूसरा- अपना पासपोर्ट सरेंडर करेंगे। दिल्ली से बाहर जाने पर जांच एजेंसी को बताएंगे और अपनी लाइव लोकेशन शेयर करेंगे।
आप समर्थकों की भारी भीड़ ने उनका स्वागत किया। सुप्रीम कोर्ट द्वारा जमानत दिए जाने के एक दिन बाद उनकी रिहाई हुई। सुप्रीम कोर्ट के आदेश में कहा गया था कि शराब लाइसेंस आवंटित करने के लिए आप द्वारा कथित तौर पर रिश्वत के रूप में प्राप्त धन का कोई ट्रेल नहीं मिला है।
जमानत पर तिहाड़ जेल से बाहर आते ही आप सांसद संजय सिंह ने कहा, ‘जश्न मनाने का वक्त नहीं आया है, संघर्ष का वक्त है… हमारी पार्टी के वरिष्ठ नेता अरविंद केजरीवाल, सत्येन्द्र जैन और मनीष सिसौदिया को हिरासत में रखा गया है’ सलाखों के पीछे। मुझे विश्वास है कि जेल के ताले टूटेंगे और वे बाहर आएंगे…।’
उनकी रिहाई पर बड़ी संख्या में आप कार्यकर्ताओं ने जेल के बाहर जश्न मनाया। आप कार्यकर्ताओं और संजय सिंह समर्थकों ने पार्टी सांसद के पिता दिनेश सिंह पर फूलों की वर्षा की। जेल से रिहाई के बाद आप ने ट्वीट किया है, ‘तानाशाह मोदी की सलाखें भी नहीं रोक पाई शेर संजय सिंह को।’
जज ने आप नेता को पासपोर्ट जमा करने, एनसीआर छोड़ने से पहले यात्रा कार्यक्रम के बारे में बताने और अपना फोन लोकेशन हमेशा चालू रखने का भी निर्देश दिया। संक्षिप्त सुनवाई के दौरान, संजय सिंह के वकील ने अदालत को बताया कि आप नेता की पत्नी इस मामले में आरोपी की जमानतदार होंगी।