कांग्रेस सांसदों ने बिरला और नायडू से की मुलाक़ात
सांसदों से बदसलूकी को लेकर कांग्रेस सांसदों ने लोकसभा अध्यक्ष राज्यसभा के सभापति से मुलाकात की
कांग्रेस पार्टी के सांसदों ने गुरुवार को लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला और राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू से मुलाक़ात की और वरिष्ठ नेता और लोकसभा सांसद राहुल गांधी को तलब करने के विरोध के दौरान अपने कई सांसदों के साथ हुई मारपीट में हस्तक्षेप करने की मांग की।
लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी के नेतृत्व में लोकसभा सांसदों के एक प्रतिनिधिमंडल ने ओम बिरला से मुलाकात की, जबकि राज्यसभा सांसदों के एक समूह ने एम वेंकैया नायडू से मुलाकात की।
नायडू को एक पत्र लिखकर कहा गया है कि “हम ये पत्र 13, 14 और 15 जून को कांग्रेस के राज्यसभा सांसदों के साथ दिल्ली पुलिस द्वारा किए गए अत्याचारी तरीके के खिलाफ अपना कड़ा विरोध दर्ज कराने के लिए लिख रहे हैं… पत्र में ये भी कहा गया है कि भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के कार्यालय के बाहर दिल्ली पुलिस की कार्रवाई सभी मानदंडों का खुलेआम उल्लंघन था। 15 जून को, दिल्ली पुलिस के जवानों ने अकबर रोड स्थित भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के कार्यालय में प्रवेश किया और सांसदों, पत्रकारों और कांग्रेस कार्यकर्ताओं पर लाठीचार्ज किया।
कांग्रेस ने अपने दावों के समर्थन में वीडियो फुटेज भी सौंपी है। कांग्रेस पार्टी के अनुसार, जिन सांसदों के साथ मारपीट की गई और उन्हें चिकित्सा उपचार की आवश्यकता थी, वे केसी वेणुगोपाल, पी चिदंबरम, शक्तिसिंह गोहिल, प्रमोद तिवारी और जेबी माथेर थे।
कांग्रेस ने ये भी कहा कि कई सांसदों को विभिन्न पुलिस थानों में हिरासत में लिया गया और बिना किसी स्पष्टीकरण के दस घंटे से अधिक समय तक हिरासत में रखा गया। यह स्पष्ट रूप से सांसदों के विशेषाधिकारों के उल्लंघन का मामला है और हम आपसे इन घटनाओं पर ध्यान देने और मामले से उचित तरीके से निपटने का आग्रह करते हैं।
लोकसभा अध्यक्ष से मिलने के बाद, चौधरी ने कहा, “हमने हिंसा और अत्याचारों का विस्तृत विवरण दिया है। स्पीकर ने धैर्यपूर्वक हमारी बात सुनी। हमने उन पुलिस अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की जिन्होंने हमारे सांसदों पर सुनियोजित हमला किया… हमारे कई सांसद घायल हो गए। और थानों में भी पुलिस ने हमारे सांसदों के साथ बदसलूकी की. हमारे सांसदों के साथ ऐसा व्यवहार किया गया जैसे वे आतंकवादी हों।
राहुल गांधी से लंबे समय तक पूछताछ का जिक्र करते हुए चौधरी ने कहा, “क्या आपने किसी नेता की इतनी लंबी पूछताछ देखी है? हमारी गलती क्या है? और हम केवल अपने नेता के साथ जाना चाहते थे क्या कानून इसकी अनुमति नहीं देता? उन्होंने दिल्ली को एक किले में बदल दिया है यहां तक कि हमारी महिला सांसदों के साथ भी बुरा व्यवहार किया गया… उनकी पोशाक फाड़ दी गई… हमारी लोकसभा सांसद जोथिमणि की पोशाक फाड़ दी गई… उन्हें पानी भी नहीं दिया गया, खाना देना तो छोड़िए। ये वह ‘अमृत काल’ है जिसकी सरकार बात कर रही थी। मोदी और शाह ‘अमृत काल’ को ‘जहर काल’ में बदल रहे हैं।”