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यमनी बलों को रोका नहीं जा सकता, हूती अजेय हैं: यरूशलम पोस्ट

यमनी बलों को रोका नहीं जा सकता, हूती अजेय हैं: यरूशलम पोस्ट

यमन के ड्रोन हमले के बाद दक्षिणी कब्ज़े वाले फ़िलिस्तीन में, इज़रायली अख़बार ने इज़रायल की हवाई रक्षा की नाकामी स्वीकार की और लिखा कि यमनी सशस्त्र बल, साधारण ड्रोन के ज़रिए भी, इज़रायल की सुरक्षा में मौजूद दरारों को पहचान चुके हैं और इन्हें रोका नहीं जा सकता।

यरूशलम पोस्ट ने अपनी ताज़ा रिपोर्ट में कहा कि, यमन के नए ड्रोन हमले में दक्षिणी फ़िलिस्तीन के दो ठिकाने निशाना बने, जिसके चलते दर्जनों इज़रायली, अस्पताल पहुँचाए गए। रिपोर्ट में माना गया कि यमनी सशस्त्र बल इज़रायल की हवाई रक्षा को चकमा देकर घातक हमले करने में सक्षम हैं।

अख़बार ने लिखा: ‘‘हूती लगातार इज़रायल की कमज़ोरियों को खोज रहे हैं और उनका प्रभाव लगातार, विध्वंसक और अंततः जानलेवा साबित हो रहा है। यमनी ड्रोन, जो मिसाइलों के मुक़ाबले कम महंगे और कम उन्नत हैं, कुल मिलाकर भारी नुक़सान पहुँचा रहे हैं।’’

रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि ‘‘जंग बेहद लंबी हो गई है और ख़तरों की क़िस्म बढ़ गई है। हूती इज़रायल की हवाई रक्षा प्रणालियों में दरारें डालने में सफल हुए हैं। यरूशलम पोस्ट ने माना कि, यमनी सशस्त्र बलों को रोका नहीं जा सकता और असली समाधान युद्ध को ख़त्म करना ही है। रक्षामंत्री की ओर से सोशल मीडिया पर हर धमकी भरी पोस्ट केवल ‘‘इज़रायल’’ की लाचारी को ही उजागर करती है।

ग़ाज़ा जंग अब एक नाज़ुक मोड़ पर पहुँच चुकी है और क्षेत्रीय ख़तरों का दायरा बढ़ रहा है, ऐसे में यरूशलम पोस्ट की यह रिपोर्ट दिखाती है कि, यमन का अंसारुल्लाह अब भी इज़रायल की सुरक्षा समीकरणों में एक असरदार और ख़तरनाक खिलाड़ी है। हवाई रक्षा में खुली कमज़ोरियाँ और ड्रोन हमलों को रोकने की नाकामी, तेल अवीव के लिए चेतावनी की घंटी बन चुकी हैं। लिहाज़ा ऐसे हालात में, युद्ध का अंत केवल एक राजनीतिक मांग नहीं बल्कि सुरक्षा ढहने से बचाने की एक रणनीतिक ज़रूरत है।

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