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यमनी फ़ौजों का लाल सागर में अमेरिकी युद्धपोतों पर बड़ा हमला

यमनी फ़ौजों का लाल सागर में अमेरिकी युद्धपोतों पर बड़ा हमला

लेबनान और फिलिस्तीन पर इजरायल की लगातार बमबारी का बदला लेने के उद्देश्य से यमनी सेनाओं ने एक बड़ा जवाबी हमला करते हुए लाल सागर में अमेरिकी नौसेना के युद्धपोतों पर भारी हमला किया है। यमनी अधिकारियों के मुताबिक, यह हमला एक संगठित और रणनीतिक प्रयास था, जिसमें यमन की हौथी विद्रोही सेना ने प्रमुख भूमिका निभाई। इस हमले को इजरायल द्वारा फिलिस्तीनियों पर किए जा रहे अत्याचारों और हाल ही में लेबनान पर हुए हवाई हमलों का प्रतिशोध माना जा रहा है।

सूत्रों के अनुसार, यमनी सेना ने आधुनिक मिसाइलों और ड्रोन का उपयोग करते हुए अमेरिकी युद्धपोतों को निशाना बनाया, जिससे नौसेना को बड़ा नुकसान पहुंचा है। इस हमले के परिणामस्वरूप अमेरिकी युद्धपोतों को क्षति हुई है, लेकिन अभी तक सटीक जानकारी सामने नहीं आई है कि कितना नुकसान हुआ है या कितने सैनिक हताहत हुए हैं।

इस बीच, प्रतिरोधी बलों ने इराक से भी एक महत्वपूर्ण हमला किया, जिसमें कब्जे वाले क्षेत्रों में एक प्रमुख लक्ष्य को ड्रोन से निशाना बनाया गया। यह हमला इजरायल की सैन्य गतिविधियों को कमजोर करने के उद्देश्य से किया गया था और इसके पीछे इजरायली कब्जे वाले क्षेत्रों में आतंक और दबाव को बढ़ाना था।

यमनी अधिकारियों का कहना है कि यह हमला उन सभी देशों के खिलाफ एक स्पष्ट संदेश है जो इजरायल के साथ खड़े हैं और उसकी सैन्य गतिविधियों का समर्थन कर रहे हैं। यमनी सेना और उनके सहयोगी बलों ने चेतावनी दी है कि अगर इजरायली हमले जारी रहे, तो इस तरह के और हमले किए जाएंगे।

इस हमले के बाद, अंतरराष्ट्रीय समुदाय में भी तनाव बढ़ गया है। अमेरिकी नौसेना और उसके सहयोगी देशों ने अभी तक इस घटना पर औपचारिक प्रतिक्रिया नहीं दी है, लेकिन यह स्पष्ट है कि इस हमले के बाद क्षेत्रीय राजनीति और संघर्ष और भी जटिल हो सकते हैं।

समझा जा रहा है कि यह प्रतिरोधी कार्रवाई, भविष्य में और भी बड़े हमलों की संभावना को बढ़ावा देती है, विशेष रूप से तब जब इजरायल और उसके सहयोगियों द्वारा मध्य पूर्व में सैन्य गतिविधियाँ जारी रहती हैं। बता दें कि, लेबनान पर इज़रायली आतंकी हमले में हिज़्बुल्लाह प्रमुख हसन नसरुल्लाह की शहादत के बाद मिडिल ईस्ट में तनाव बढ़ गया है।

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