यमनी ड्रोन ने इज़रायली शहर इलात को निशाना बनाया, 22 लोगों के घायल होने की आशंका
बुधवार को यमन से छोड़े गए एक ड्रोन ने दक्षिणी इज़रायली शहर इलात पर हमला किया, जिसमें कम से कम 22 लोग घायल हो गए। यह जानकारी स्थानीय मेडिकल टीमों ने दी। इज़रायली सेना ने पुष्टि की कि ड्रोन “इलात क्षेत्र” में लाल सागर के तट पर गिरा, क्योंकि वायु रक्षा प्रणाली उसे रोकने में विफल रही। अभी यह स्पष्ट नहीं है कि घायलों को नुकसान ड्रोन से हुआ या इंटरसेप्टर से।
आईडीएफ ने टेलीग्राम पर पोस्ट करते हुए कहा, “जनता से अनुरोध है कि होम फ्रंट कमांड के रक्षात्मक दिशा-निर्देशों और आगे दिए जाने वाले दिशानिर्देशों का पालन जारी रखें।” इलात की पुलिस ने कहा कि बम निरोधक विशेषज्ञ ड्रोन की प्रकृति की जांच कर रहे हैं और लोगों को दुर्घटनास्थल से दूर रहने तथा किसी भी अवशेष को छूने से बचने की सलाह दी, क्योंकि उनमें विस्फोटक हो सकते हैं।
यमन के हूती समूह, ग़ाज़ा युद्ध की शुरुआत से ही नियमित रूप से इज़रायल पर ड्रोन और मिसाइलें दागते आ रहे हैं। उनका कहना है कि, यह हमले फिलिस्तीनियों के साथ एकजुटता के तौर पर किए जा रहे हैं। हूतियों ने नवंबर 2023 से लाल सागर के महत्वपूर्ण समुद्री व्यापार मार्ग से गुजरने वाले जहाज़ों को भी निशाना बनाना शुरू कर दिया, जिन्हें वे इज़रायल से जुड़ा मानते थे।
हूती हमलों की शुरुआत के बाद से लाल सागर से होकर हो कर जाने वाला शिपिंग reportedly आधा हो गया है। कई कंपनियों—जैसे मर्स्क, एमएससी और हैपग-लॉयड—ने अस्थायी रूप से अपने कंटेनर जहाज़ों का ट्रांज़िट इस संघर्ष क्षेत्र से रोक दिया है, जिससे जहाज़ों को दक्षिण अफ्रीका के रास्ते लंबा और महंगा चक्कर लगाना पड़ रहा है।
इज़रायल और अमेरिका ने भी यमन में हूती ठिकानों को निशाना बनाते हुए कई बार हवाई हमले किए हैं। इस महीने की शुरुआत में, रिपोर्ट के मुताबिक इज़रायली हमलों में सना (यमन की राजधानी) में 31 यमनी पत्रकार मारे गए, और पिछले महीने के अंत में, इज़रायल ने सना में हवाई हमले में हूती सरकार के प्रधानमंत्री अहमद अल-रहावी को शहीद कर दिया। इस हमले में उनकी लगभग आधी कैबिनेट भी मारी गई। हूतियों ने उनकी और उनके मंत्रियों की मौत का बदला लेने की “क़सम” खाई है।

