यमन ने आज़ादी और इज़्ज़त के लिए क़ुर्बानी दी, हिजरी कैलेंडर होगा लागू
यमन ने देश हर में ईसवी कैलेंडर के स्थान पर इस्लामिक हिजरी कैलेंडर जारी करने की बात करते हुए कहा है कि हमने देश को आज़ाद कराने और उसका सम्मान वापस दिलाने के लिए क़ुर्बानियां दी हैं. हमने खून दिया है तब यह आज़ादी और इज़्ज़त पाई है.
यमन की सुप्रीम पॉलिटिकल कौंसिल के चीफ महदी मश्शात ने कहा कि यमन पर बेगानों के क़ब्ज़े के दिन लद गए हैं. देश भर में अब ईसवी कैलेंडर के बजाए हिजरी कैलेंडर चलेगा. उन्होंने कहा कि यमन की जनता के पास मौक़ा है कि वह एक ऐसी सरकार बनाये जिसके आज़ादी, संप्रभुता और अपनी जनता की भलाई सबसे बढ़कर हो. अब ग़ुलामी और दूसरों के अधीन रहने के दिन गुज़र गए हैं यमन ने इस आज़ादी और संप्रभुता के लये क़ुर्बानियां दी हैं.
महदी मश्शात ने कहा कि यमन की जनता एक निर्णायक जंग लड़ रही है, जिसका नतीजा देश की संपूर्ण आज़ादी और संप्रभुता है. सरकारी तंत्र को बचाए रखना होगा और एक मॉडर्न सरकार बनाने के साथ साथ सऊदी अमीराती गठबंधन का मुक़ाबला भी करना होगा.
महदी मश्शात ने कहा कि यमन में अगले इस्लामिक साल के शुरू होने के साथ ही देश का आधिकारिक कैलेंडर ईसवी न होकर हिजरी होगा. अगले हिजरी साल से देश भर में ईसवी कैलेंडर के बजाए हिजरी कैलेंडर लागू होगा.
सऊदी गठबंधन पर जंग बंदी का पालन न करने के आरोप लगाते हुए महदी मश्शात ने कहा कि सनआ हवाई अड्डे पर उड़ानों को रोकना जंग बंदी का उल्लंघन है. सऊदी अरब की ओर से सीज़फायर तोड़ने की क़ीमत आम नागरिकों को चुकाना पड़ रही है.
बता दें कि सऊदी अरब ने, संयुक्त अरब अमीरात और कई अरब देशों के साथ साथ संयुक्त राज्य अमेरिका, पश्चिमी देशों और इस्राईल के समर्थन के साथ अप्रैल 2014 में यमन पर हमला किया था. सऊदी अरब अपने शक्तिशाली गठबंधन और यमन की असहाय जनता पर ज़ुल्मो अत्याचार के सारे रिकॉर्ड तोड़ने के बाद भी अब तक अपने उद्देश्यों को पाने में नाकाम रहा है.