यमन का इज़रायली क़ब्ज़े वाले इलाक़ों पर सफल ड्रोन और मिसाइल हमला
यमनी सेना ने ऐलान किया है कि उसने बैलिस्टिक मिसाइलों और ड्रोन के ज़रिए क़ब्ज़े वाले फ़िलिस्तीन (इज़रायली इलाक़ों) में याफ़ा और उम्म-अल-रशराश के अहम और संवेदनशील ठिकानों पर हमला किया है। यमन की सशस्त्र सेना के प्रवक्ता ब्रिगेडियर जनरल याह्या सरी ने कहा कि, यह हमला ग़ाज़ा पर जारी नरसंहार और इज़रायली हमलों के जवाब में किया गया। उन्होंने बताया कि, एक हाइपरसोनिक बैलिस्टिक मिसाइल और दो ड्रोन से क़ब्ज़े वाले इलाक़ों में याफ़ा (तेल अवीव) और उम्म-अल-रशराश के लक्ष्यों को निशाना बनाया गया।
अल-मसीरा चैनल के मुताबिक़, प्रवक्ता ने कहा: “फ़िलिस्तीन की मज़लूम जनता और उनके मुजाहिदों की मदद में, और ग़ाज़ा के लोगों पर इज़रायली नरसंहार और बढ़ते हमलों के जवाब में, यमन की सशस्त्र सेनाओं ने यह सैन्य कार्रवाई की।” उन्होंने आगे बताया कि यमन की मिसाइल यूनिट ने एक ख़ास ऑपरेशन में बहु-वारहेड वाली हाइपरसोनिक बैलिस्टिक मिसाइल “फ़िलिस्तीन-2” दागी, जिसने याफ़ा क्षेत्र में कई संवेदनशील ठिकानों को सीधे निशाना बनाया।
याह्या सरी ने कहा कि, अल्लाह की मदद से यह ऑपरेशन पूरी तरह सफल रहा और लाखों इज़रायली बस्तियों के लोग पनाहगाहों की ओर भागने पर मजबूर हो गए। साथ ही, यमनी ड्रोन यूनिट ने भी दो ड्रोन से हमला कर उम्म-अल-रशराश (क़ब्ज़ा किए गए दक्षिण फ़िलिस्तीन ) में दुश्मन के दो महत्वपूर्ण ठिकानों को निशाना बनाया और यह हमला भी सफल रहा।
उन्होंने कहा: “आज़ाद और स्वतंत्र यमन का विश्वास है कि, अरब और इस्लामी उम्मत के सामने इस दुश्मन के ख़िलाफ़ केवल एक ही रास्ता है—मुक़ाबला, डटे रहना और फ़िलिस्तीन की मज़लूम क़ौम व उनकी बहादुर मुजाहिदाना प्रतिरोध की हर संभव मदद करना।” यमनी सेना के प्रवक्ता ने अंत में यह भी दोहराया कि यमन अपनी धार्मिक, नैतिक और इंसानी ज़िम्मेदारियों को तब तक निभाता रहेगा जब तक ग़ाज़ा पर हमला बंद नहीं होता और उसकी नाकाबंदी पूरी तरह समाप्त नहीं की जाती।

