यमन द्वारा तेल अवीव पर हाइपरसोनिक मिसाइल हमला
यमन की सशस्त्र बलों ने एक बड़ी सैन्य कार्रवाई करते हुए इज़रायल के तेल अवीव शहर में एक महत्वपूर्ण लक्ष्य पर हाइपरसोनिक मिसाइल से हमला किया है। यमन के सशस्त्र बलों के प्रवक्ता, ब्रिगेडियर याहया सरीअ ने हाल ही में इस हमले की पुष्टि करते हुए कहा कि “हमने फिलिस्तीन 2 हाइपरसोनिक मिसाइल का उपयोग करते हुए याफ़ा (तेल अवीव) के एक महत्वपूर्ण लक्ष्य पर सफलतापूर्वक हमला किया।”
सरीअ ने यह भी बताया कि यह मिसाइल हमला यमन के सैन्य बलों द्वारा फिलिस्तीन के पीड़ितों के समर्थन में किया गया था, और यह हमला पूरी तरह से सफल रहा। प्रवक्ता ने यह स्पष्ट किया कि यमन के सशस्त्र बल, फिलिस्तीनियों के समर्थन में अपनी सैन्य कार्रवाइयों को जारी रखेंगे और भविष्य में ग़ाज़ा पट्टी और पश्चिमी तट में मुजाहिदीन की मदद के लिए मिसाइल और ड्रोन हमलों की संख्या में वृद्धि करेंगे। उन्होंने यह भी कहा, “हमारे सैन्य अभियान तब तक जारी रहेंगे, जब तक ग़ाज़ा पर इज़रायल का हमला और उसकी घेराबंदी पूरी तरह से समाप्त नहीं हो जाती।”
मिसाइल की विशेषताएँ और क्षमताएँ
यमन द्वारा उपयोग की गई फिलिस्तीन 2 मिसाइल अत्यधिक उन्नत तकनीक से लैस है। इसकी रेंज 2150 किलोमीटर है, और यह दो चरणों में ठोस ईंधन से चलती है। यह मिसाइल अपनी गति के कारण (16 मच) बेहद प्रभावशाली है और रडार से बचने की क्षमता रखती है, जिससे इज़रायल के आयरन डोम जैसी मिसाइल रक्षा प्रणालियों को इससे निपटना बेहद मुश्किल हो जाता है।
आयरन डोम को ध्वस्त करना
यमन की सशस्त्र बलों ने पिछले वर्ष सितंबर में इस मिसाइल प्रणाली का परीक्षण किया था, जब उन्होंने एक सैन्य अभियान के दौरान तेल अवीव पर हमला किया था। इस हमले के दौरान, फिलिस्तीन 2 मिसाइल ने इज़रायल की आयरन डोम प्रणाली को ध्वस्त कर दिया था, जो आमतौर पर इज़रायल के हवाई हमलों से रक्षा के लिए जानी जाती है। यह घटना इज़रायल के लिए एक बड़ा झटका था, क्योंकि यह साबित करता है कि यमन की मिसाइलें अब इज़रायल की सुरक्षा प्रणालियों को आसानी से पार कर सकती हैं।
यमन की रणनीति और भविष्य के सैन्य अभियान
यमन सरकार और सैन्य बलों ने ग़ाज़ा और पश्चिमी तट में संघर्षरत फिलिस्तीनी मुजाहिदीन के समर्थन में अपनी सैन्य कार्रवाइयों को तेज करने की घोषणा की है। यमन के सैन्य प्रवक्ता ने कहा कि यमन की सेना इज़रायल के खिलाफ इस तरह के हमलों को भविष्य में भी जारी रखेगी, जब तक ग़ाज़ा पर इज़रायल का कब्जा और उसका घेराबंदी समाप्त नहीं हो जाता। यमन की इस रणनीति का उद्देश्य फिलिस्तीनी जनता के संघर्ष को और अधिक समर्थन देना और इज़रायल की सैन्य शक्ति को चुनौती देना है।
यमन का यह कदम एक बड़ी राजनीतिक और सैन्य चुनौती है, जो क्षेत्रीय शक्ति संतुलन पर गंभीर प्रभाव डाल सकता है। यह घटना इस बात को भी दर्शाती है कि यमन, जो पहले एक सीमित सैन्य क्षमता वाला देश था, अब अपनी मिसाइल तकनीक और सैन्य रणनीतियों के माध्यम से अपनी शक्ति को प्रदर्शित कर रहा है।