सीरिया से क्यों रिश्ते सुधारना चाहता है तुर्की ?

सीरिया से क्यों रिश्ते सुधारना चाहता है तुर्की ?

सीरिया के खिलाफ आतंकवादी गुटों की हर तरह मदद करने में सबसे आगे आगे रहा तुर्की इन दिनों सीरिया से रिश्ते सुधारने के लिए भरपूर कोशिशे कर रहा है.

पिछले कुछ महीने से इंटरनेशनल लेवल पर इस बात की अटकलें लगाई जा रही हैं कि अर्दोग़ान सीरिया के राष्ट्रपति बश्शार असद से मुलाक़ात कर सकते हैं. यह अटकलें उस समय शुरू हुई जब कहा गया कि अर्दोग़ान सीरिया संकट शुरू होने के बाद दोनों देशों के बीच पाए जाने वाले मतभेदों को वार्ता के माध्यम से सुलझाने के लिए असद से मुलाक़ात करने के इच्छुक हैं.

2011 में सीरिया संकट शुरू होने से पहले दमिश्क़ और तुर्की के रिश्ते दोस्ताना थे लेकिन 2011 में सीरिया में सम्राज्यवाद प्रायोजित आतंकवाद के साथ ही तुर्की ने दमिश्क़ को झटका देते हुए अमेरिका इस्राईल सऊदी अरब का साथ देते हुए आतंकी गुटों का समर्थन करना शुरू कर दिया.

तुर्की दमिश्क़ के खिलाफ इस हद तक आगे बढ़ा गया कि वह आतंकियों को हर तरह का समर्थन करने के साथ साथ सीरियन आर्मी के खिलाफ सीधे हमले भी करता रहा है. 2011 से आतंकियों का समर्थन करने वाला अर्दोग़ान प्रशासन 2016- 2017 में सीरिया के खिलाफ सीधी सैन्य कार्रवाई करने लगा.

कुर्दों को लेकर भी दोनों देशों के बीच मतभेद है तुर्की जहां कूर्द संगठन PKK को आतंकी मानता है वहीँ दमिश्क़ के PKK के साथ रिश्ते ठीक रहे हैं. तुर्की से भगाए गए कुर्दों को सीरिया ने अपने यहाँ पनाह दी तो कुर्दों के लिए सीरिया का अलग ही महत्त्व था.

दोनों देशों में दजला और फुरात को लेकर भी विवाद है तुर्की इन नदियों को लेकर इराक और सीरिया जैसे पडोसी देशों के अधिकारों पर भी डाका डालता रहा है टाइग्रिस और यूफ्रेट्स के पानी को लेकर तुर्की और सीरिया में मतभेद है.

सीरिया और तुर्की के बीच इस्राईल को लेकर भी गहरे मतभेद हैं. सीरिया इस्राईल को अवैध राष्ट्र मानता है और सीरिया के जौलान हाइट्स पर इस्राईल अब भी क़ब्ज़ा जमाए हुए हैं जबकि तुर्की इस्राईल के साथ दोस्ताना रिश्ते रखता है. 4 साल के बाद एक बार फिर सार्वजनिक रूप से इस्राईल और तुर्की गले मिल चुके हैं.

तुर्की की तमाम हरकतों के बावजूद एक बार फिर अर्दोग़ान पलटी मारते हुए नज़र आ रहे हैं और वह असद के साथ मुलाक़ात के इच्छुक हैं. हाल ही में तुर्की के एक मशहूर न्यूज़ पेपर ने खबर देते हुए कहा है कि अर्दोग़ान की असद से मुलाक़ात कराने के लिए खाड़ी का एक अरब देश तथा एक अफ्रीकी देश मिलकर प्रयास कर रहे हैं.

 

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