पश्चिमी देश, इज़रायल के अपराधों को व्यवस्थित रूप से सेंसर कर रहे हैं: तुर्की
तुर्की के संचार संगठन के अध्यक्ष, प्रो. फहरेटिन अल्टुन ने पश्चिमी देशों की सरकारों और मीडिया पर आरोप लगाया है कि वे व्यवस्थित रूप से इज़रायल द्वारा किए जा रहे अपराधों को छिपा रहे हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि इज़रायल, विशेष रूप से उन पत्रकारों को निशाना बना रहा है जो उसके हमलों की रिपोर्टिंग कर रहे हैं, और पश्चिमी सरकारें और मीडिया इस सच्चाई को सेंसर कर रहे हैं।
अल्टुन ने कहा कि “हम उन अंतर्राष्ट्रीय मीडिया नेटवर्कों के खिलाफ अपनी आवाज उठाते रहेंगे, जिन्होंने 200 से अधिक पत्रकारों की हत्या पर चुप्पी साध रखी है। पश्चिमी देशों की दोहरी मानसिकता और उनके दुष्ट दृष्टिकोण को उजागर करना हमारी ज़िम्मेदारी है। जिस प्रकार हमने ग़ाज़ा में सूचना के प्रवाह को बनाए रख रहे हैं, वैसे ही हम पश्चिमी तट, यरुशलम और लेबनान में भी करेंगे। हम इज़रायली हमलों को पूरी दुनिया तक पहुँचाएंगे और उन्हें बेनकाब करेंगे।”
उन्होंने इज़रायल पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि यहूदी शासन ने जानबूझकर एक ऐसी हिंसक अभियान की शुरुआत की है, जिसका उद्देश्य पत्रकारों की आवाज़ को दबाना है। इस अभियान को पश्चिमी सरकारों और मीडिया का प्रत्यक्ष समर्थन प्राप्त है। यह एक ऐसी हिंसक साजिश है, जिसमें सच्चाई को दबाने और दुनिया के सामने गलत सूचना फैलाने का प्रयास किया जा रहा है।
फहरेटिन अल्टुन ने आगे कहा कि 7 अक्टूबर 2023 से अब तक इज़रायल ने लगभग 200 पत्रकारों को मार डाला है, जिसमें तुर्की की अनातोलियन न्यूज़ एजेंसी के पत्रकार भी शामिल हैं। उन्होंने कहा कि यह पत्रकारों के प्रति इज़रायल की दुर्भावनापूर्ण नीति का हिस्सा है, ताकि वह अपने युद्ध अपराधों को दुनिया से छिपा सके।
उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि “इज़रायली शासन, पत्रकारों, राहतकर्मियों, महिलाओं और बच्चों को जानबूझकर निशाना बना रहा है। जबकि पश्चिमी सरकारें और उनकी मीडिया इज़रायल की इन अत्याचारपूर्ण कार्रवाइयों को समर्थन दे रहे हैं।” अल्तुन ने पश्चिमी देशों की सरकारों और मीडिया को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि “वे न केवल इज़रायल की इन कार्यवाहियों को नजरअंदाज कर रहे हैं, बल्कि वे उसे समर्थन भी दे रहे हैं। यह एक संगठित साजिश है, जो न केवल मानवाधिकारों का उल्लंघन है बल्कि सच्चाई को दबाने का प्रयास भी है।”
उन्होंने अंत में कहा कि “सच्चाई को हमेशा के लिए दफनाया नहीं जा सकता। इज़रायल को अपने युद्ध अपराधों का सामना करना पड़ेगा। दुनिया को सच्चाई का सामना करना होगा और हम इस सच्चाई को उजागर करने के लिए लगातार काम करते रहेंगे।