पश्चिमी देश इज़रायल का एकतरफ़ा समर्थन कर रहे हैं: अब्बास अराक़ची
ईरान के विदेश मंत्री अब्बास अराक़ची ने अमेरिका और यूरोपीय देशों पर आरोप लगाया है कि वे उनकी सरज़मीन पर हो रहे इज़रायली हमलों का समर्थन कर रहे हैं और पश्चिमी देशों की नीतियाँ पूरी तरह इज़रायल के पक्ष में झुकी हुई हैं। उन्होंने चेतावनी दी कि इस कारण हालात नियंत्रण से बाहर हो सकते हैं।
ईरानी सरकारी टीवी से रविवार रात बातचीत में अराक़ची ने कहा, “वॉशिंगटन और कुछ यूरोपीय राजधानियों द्वारा इज़रायली आक्रमण को बढ़ावा देना एक ऐतिहासिक भूल है, जिसके वैश्विक स्तर पर गंभीर परिणाम होंगे।” उन्होंने ज़ोर देकर कहा, “यह जंग जो इज़रायल ने शुरू की है, नियंत्रण से बाहर जा सकती है। यदि इज़रायली हमले रुक जाएँ तो हम कूटनीति और संवाद की ओर लौटने का वातावरण तैयार कर सकते हैं।”
अराक़ची ने यह भी कहा कि हमलों का जारी रहना किसी भी राजनीतिक प्रयास को विफल कर रहा है। उन्होंने आशा जताई कि अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी के गवर्निंग बोर्ड की बैठक में एक स्पष्ट रुख सामने आएगा, जिसमें ईरानी परमाणु ठिकानों को निशाना बनाए जाने की निंदा की जाएगी। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि इन हमलों की निंदा नहीं की गई तो यह हमलों को जारी रखने के लिए खुला प्रोत्साहन माना जाएगा।
अराक़ची ने यह भी आरोप लगाया कि अमेरिका और कुछ यूरोपीय देश संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद को इज़रायल के खिलाफ किसी भी कार्रवाई से रोक रहे हैं। यह पूरी स्थिति ऐसे समय में सामने आई है जब ईरान ने क़तर और ओमान के मध्यस्थों को सूचित किया है कि अगर इज़रायली हमले जारी रहे तो वह युद्ध-विराम पर किसी भी बातचीत के लिए तैयार नहीं होगा।
सूत्रों के मुताबिक, ईरान ने इन मध्यस्थों को यह स्पष्ट कर दिया है कि जब तक वह इज़रायल की पूर्व-नियोजित कार्रवाईयों का पूरा जवाब नहीं दे देता, तब तक किसी भी गंभीर वार्ता में शामिल नहीं होगा। ईरान ने दो टूक कह दिया है कि वह हमलों के दबाव में आकर कोई बातचीत नहीं करेगा। गौरतलब है कि इज़रायली हमलों के जवाब में ईरान ने कड़ी प्रतिरोधी कार्रवाई की है।

