हम सीधे तौर पर इज़रायल से बातचीत नहीं करेंगे: जूलानी
दमिश्क़ पर नियंत्रण रखने वाले सीरियाई विद्रोही सरकार के प्रमुख ने मंगलवार तड़के दावा किया कि सीरिया, इज़रायल के साथ रिश्ते सामान्य करने के लिए सीधे तौर पर तेल अवीव से बातचीत नहीं करेगा। जूलानी ने यह बयान अमेरिका दौरे के दौरान फ़ॉक्स न्यूज़ से बातचीत में दिया, जिसमें उन्होंने कहा कि सीरिया के लिए इज़रायल के साथ सामान्य रिश्तों की दिशा में कोई सीधी वार्ता संभव नहीं है।
जूलानी ने कहा कि सीरिया और इज़रायल के बीच संबंधों को सामान्य बनाने की किसी भी प्रक्रिया में अमेरिका मध्यस्थ की भूमिका निभा सकता है, ताकि अप्रत्यक्ष बातचीत की गुंजाइश बनाई जा सके। उन्होंने यह भी जोड़ा कि “गोलान हाइट्स” पर इज़रायल का कब्ज़ा अभी भी जारी है, और इस परिस्थिति में हम किसी भी सीधे संवाद का हिस्सा नहीं बन सकते।”
सीरिया में जारी गृहयुद्ध और जूलानी के नेतृत्व वाले विद्रोही प्रशासन की जटिल स्थिति के बीच यह बयान महत्वपूर्ण माना जा रहा है। दरअसल, कुछ पश्चिमी मीडिया रिपोर्टों में दावा किया गया था कि, सीरियाई विद्रोही नेतृत्व, अमेरिकी दबाव में आकर, इज़रायल के साथ अप्रत्यक्ष संबंधों की संभावनाओं पर विचार कर रहा है।
हालांकि, जूलानी ने ऐसे सभी दावों को खारिज करते हुए कहा कि “इज़रायल से किसी भी तरह की निकटता या राजनीतिक संवाद हमारे सिद्धांतों के खिलाफ है।” उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि उनकी सरकार फिलहाल सीरिया की आंतरिक स्थिरता और “विदेशी कब्ज़े के ख़िलाफ़ संघर्ष” पर केंद्रित है।
विश्लेषकों का मानना है कि जूलानी का यह बयान न केवल इज़रायल के प्रति अस्वीकारोक्ति का संकेत है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि विद्रोही सरकार अभी तक किसी भी अंतरराष्ट्रीय वैधता या कूटनीतिक साझेदारी की दिशा में आगे बढ़ने से हिचक रही है।
जूलानी का यह बयान ऐसे समय में आया है जब मध्य पूर्व में इज़रायल के साथ संबंध सामान्य करने की मुहिम को लेकर कई देशों में राजनीतिक बहस तेज़ है। लेकिन सीरियाई विद्रोही नेतृत्व का यह रुख संकेत देता है कि सीरिया-इज़रायल संबंधों का रास्ता अब भी लंबा और कठिन है।

