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ग़ाज़ा में दी जा रही कुर्बानियों को हम व्यर्थ नहीं जाने देंगे: ख़ालिद मशाल

ग़ाज़ा में दी जा इन कुर्बानियों को हम व्यर्थ नहीं जाने देंगे: ख़ालिद मशाल

हमास के विदेशी मामलों के प्रमुख, ख़ालिद मशाल ने तुर्की के इस्तांबुल शहर में शहीद यहया अल-सिनवार की शोक सभा के दौरान एक जोशीले भाषण में राष्ट्र और दुनिया को संदेश दिया कि हमास अपनी प्रतिरोध यात्रा को हर संभव तरीके से जारी रखेगा। उन्होंने जोर देकर कहा कि जब कोई नेता शहीद होता है, तो एक नया नेता उसकी जगह ले लेता है और यह सिलसिला चलता रहेगा। वीडियो संबोधन में खालिद मशाल ने स्पष्ट किया कि हमास अपने शहीद नेताओं और कार्यकर्ताओं के खून के प्रति वफादारी निभाते हुए उनके रास्ते पर चल रहा है।

उन्होंने कहा कि यह आंदोलन अपने सिद्धांतों, मूल्यों और प्रतिरोध रणनीति को कभी नहीं छोड़ेगी। यह एक ऐसा आंदोलन है जो अपनी विरासत को हमेशा दिल से लगाए रखेगी। खालिद मशाल ने अपने भाषण में इस बात पर जोर दिया कि हमास के नेता के चले जाने के बाद भी ग़ाज़ा में मौजूदा हालात की निगरानी जारी है। उन्होंने कहा कि ग़ाज़ा वह धरती है जिसने दशकों से प्रतिरोध की भारी कीमत चुकाई है और अब भी उसी उत्साह और जोश के साथ अपने अधिकार की लड़ाई लड़ रही है।

खालिद मशाल ने कहा कि ग़ाज़ा में दी जा रही इन कुर्बानियों को हम व्यर्थ नहीं जाने देंगे और दुश्मन की हर चाल का डटकर सामना करेंगे। उन्होंने आगे कहा कि हमास का नेतृत्व, फिलिस्तीनी क़ौम के खिलाफ जारी इज़रायली आक्रमण को रोकने के लिए हर संभव कोशिश करेगा। उन्होंने कहा कि हमारी क़ौम का खून कई सालों से बहाया जा रहा है, और विशेष रूप से “तूफान अल-अक्सा” के बाद पिछले साल उत्तरी ग़ाज़ा, जबालिया और बीत लाहिया में हुए जनसंहार ने साबित कर दिया है कि दुश्मन किस हद तक ज़ुल्म करने पर तुला हुआ है, लेकिन हम इस ज़ुल्म के आगे कभी सिर नहीं झुकाएंगे।

खालिद मशाल ने शहीद यहया अल-सिनवार को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि उन्होंने अपनी आखिरी सांस तक क़ौम के अधिकारों की रक्षा, कुद्स की आजादी और पहले क़िबला की रक्षा के लिए लड़ाई जारी रखी। उनका खून इस बात का गवाह है कि वे अपने मिशन में सफल रहे हैं, और उनकी कुर्बानी हमास के नेताओं के लिए एक प्रेरणास्त्रोत है।

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