हम तय करेंगे कि कब, किन शर्तों और किस तरीके से वार्ता की मेज़ पर लौटना है: ईरान
ईरान के विदेश मंत्री सैयद अब्बास अराक़ची ने एक बार फिर यह स्पष्ट कर दिया है कि ईरान अब किसी भी दबाव, धमकी या समय-सीमा के आधार पर वार्ता की मेज़ पर नहीं लौटेगा, बल्कि यह निर्णय पूरी तरह ईरान की संप्रभुता, राष्ट्रीय हित और जनता के लाभ के आधार पर लिया जाएगा। उन्होंने कहा, “अब यह हम तय करेंगे कि कब, किन शर्तों और किस पद्धति से वार्ता की शुरुआत हो।”
अराक़ची ने दुनिया को यह याद दिलाया कि अमेरिका और इज़रायल ने ईरान की ताक़त को कमजोर करने के लिए सैन्य हमलों का सहारा लिया, लेकिन वे नाकाम रहे। न केवल ईरान का प्रतिरोध मजबूत रहा, बल्कि पूरी दुनिया ने देखा कि एक आत्मनिर्भर राष्ट्र कैसे आत्म-सम्मान के साथ खड़ा रहता है। उन्होंने साफ़ कहा कि “ज्ञान और टेक्नोलॉजी को बमों से मिटाया नहीं जा सकता।”
यह बयान उस समय आया है जब पश्चिमी शक्तियाँ एक बार फिर ईरान पर वार्ता के लिए दवाब बना रही हैं, लेकिन ईरान ने साफ कर दिया है कि बातचीत ईरान की शर्तों पर होगी, न कि धमकियों के साये में।
अराक़ची के अनुसार, जब तक राष्ट्रीय हितों की पूरी तरह समीक्षा न हो जाए, तब तक ईरान कोई भी ऐसा क़दम नहीं उठाएगा जो जल्दबाज़ी या नुकसानदेह हो। यह न केवल एक परिपक्व कूटनीतिक दृष्टिकोण है, बल्कि यह ईरान की स्वाभिमानी विदेश नीति का प्रमाण भी है, जो अपने लोगों के हितों को सर्वोपरि रखती है। दुनिया के लिए यह एक संदेश है — ईरान अब सिर्फ़ प्रतिक्रिया नहीं देता, बल्कि अब वह तय करता है कि अगला क़दम क्या होगा।

