ईरान के बचाव में उठाए गए कदमों का हम समर्थन करते हैं: शेख नईम क़ासिम
लेबनान के हिज़्बुल्लाह आंदोलन के महासचिव शेख नईम क़ासिम ने आज (शुक्रवार) एक बयान जारी कर कहा:
“हम पूरी शक्ति के साथ इज़रायली शासन द्वारा इस्लामी गणराज्य ईरान पर किए गए जघन्य और बेहद ख़तरनाक हमले की कड़ी निंदा करते हैं, जो अमेरिका की सीधी मदद से अंजाम दिया गया है।”
उन्होंने आगे कहा:
“इस हमले का कोई भी तर्क नहीं बनता, सिवाय इसके कि यह ग़ाज़ा में मज़लूम और प्रतिरोध कर रही फ़िलिस्तीनी जनता का साथ देने और क़ुद्स की आज़ादी तथा पूरे क्षेत्र में प्रतिरोधी मोर्चे का समर्थन करने वाली आवाज़ को दबाने की कोशिश है। इस हमले के गंभीर परिणाम होंगे और यह न तो बिना जवाब छोड़ा जाएगा और न ही बिना सज़ा।”
शेख क़ासिम ने कहा:
“इस्लामी गणराज्य ईरान, आज़ादी के मशालवाहक और इस्लामी दुनिया में इज़्ज़त और सम्मान का प्रतीक है। वह मज़लूमों का समर्थन करने वाले एक स्वतंत्र और असली मॉडल के रूप में हमेशा अग्रिम पंक्ति में खड़ा रहेगा।”
उन्होंने ज़ोर देते हुए कहा:
“इज़रायली शासन और उसका साम्राज्यवादी समर्थक अमेरिका कभी भी ईरान की राह और उसकी इच्छाशक्ति को डिगा नहीं सकते। बल्कि ईरानी राष्ट्र और व्यवस्था पहले से ज़्यादा दृढ़ निश्चय और शक्ति के साथ आगे बढ़ेगी और इस अपराध की वजह से को पछताना पड़ेगा और वह शर्मिंदा होगा।”
हिज़्बुल्लाह के महासचिव ने कहा:
“हम हिज़्बुल्लाह, अपने प्रतिरोधी आंदोलन और संघर्षशील जनता के साथ मिलकर प्रतिरोध की राह पर अटल हैं और हम ईरान के न्यायपूर्ण रुख़ और आत्मरक्षा के किसी भी कदम का समर्थन करते हैं। इज़रायली शासन और उसका शैतानी आक़ा अमेरिका केवल ज़िल्लत, अपमान और पराजय के भागीदार होंगे।”
अपने बयान के अंत में उन्होंने ईरान के शीर्ष सैन्य अधिकारियों की शहादत—जैसे कि जनरल मोहम्मद बाक़ेरी, जनरल हुसैन सलामी (IRGC प्रमुख), उनके साथियों और परमाणु वैज्ञानिकों—पर आयतुल्लाह ख़ामेनई और ईरानी राष्ट्र को संवेदना प्रकट की।

