हमारे पास ऐसे उपकरण हैं जो इज़रायली सेना की प्रतिष्ठा को मिटा सकते हैं: सराया अल-कुद्स
फिलिस्तीनी आंदोलन की सशस्त्र शाखा ‘सराया अल-कुद्स’ के सैन्य परिषद के सचिव ‘अबू अहमद’ ने मंगलवार को एक महत्वपूर्ण बयान दिया, जिसमें उन्होंने अपनीऔर मिसाइल क्षमता और इज़रायल के खिलाफ अपनी लड़ाई के अनुभवों को उजागर किया।
अबू अहमद ने अपने बयान में कहा कि, हमारी सैन्य क्षमता केवल इज़रायल के खिलाफ की गई हालिया लड़ाई तक सीमित नहीं है, बल्कि हमारे पास अब भी ऐसे उन्नत उपकरण और हथियार हैं जो इज़रायली सेना की प्रतिष्ठा को मिटा सकते हैं। उन्होंने कहा कि “हमारे पास अभी भी ऐसी चीजें हैं जो इज़रायली सेना की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचा सकते हैं। यह कथन इज़रायल की सेना के लिए एक स्पष्ट चेतावनी के रूप में देखा जा रहा है, जो यह दर्शाता है कि फिलिस्तीनी प्रतिरोध आंदोलन के पास इज़रायल के खिलाफ और भी अधिक प्रभावी और घातक हथियार हो सकते हैं, जिनका अब तक इस्तेमाल नहीं किया गया है।
उन्होंने जोर देकर कहा कि ‘तूफ़ान-अल-अक्सा’ अभियान के माध्यम से हमने यह साबित कर दिया है कि इज़रायली सेना अजेय नहीं है। अबू अहमद ने कहा, “हमने ‘तूफ़ान-अल-अक्सा’ के ज़रिए दिखा दिया कि इज़रायल की सेना में कमज़ोरियां हैं और यह उतनी अजेय नहीं है जितनी उसे माना जाता था। इस अभियान ने इज़रायली सेना की कमजोरियों को उजागर कर दिया।”
यह बयान ऐसे समय पर आया है जब हाल ही में इज़रायल और फिलिस्तीनी प्रतिरोध समूहों के बीच लगातार झड़पें और हमले हुए हैं। इस संदर्भ में, अबू अहमद ने प्रतिरोध समूह की मिसाइल क्षमता पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि “हमारी मिसाइल शक्ति साल भर अपने बेहतरीन प्रदर्शन के साथ जारी रही है।” यह बयान इस ओर इशारा करता है कि, हमास के पास न केवल स्थायी मिसाइल क्षमता है, बल्कि यह किसी भी भविष्य के संघर्ष में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है।
अबू अहमद ने प्रतिरोध की धुरी के महत्व को भी रेखांकित किया, जिसमें क्षेत्र के विभिन्न प्रतिरोध समूहों और उनके सहयोगियों की भूमिका महत्वपूर्ण मानी जाती है। उन्होंने कहा, “लड़ाई में मैदानी एकता महत्वपूर्ण है और प्रतिरोध की धुरी अपने-अपने प्रयासों और भूमिकाओं के साथ इसमें भाग लेती है।” इस बयान से यह संकेत मिलता है कि हमास एक संगठन के रूप में ही नहीं, बल्कि एक बड़े प्रतिरोध गठबंधन के हिस्से के रूप में भी इज़रायल के खिलाफ संघर्ष में सक्रिय रूप से भाग ले रहा है।
सराया अल-कुद्स, जो फिलिस्तीनी आंदोलन की सैन्य शाखा है, ने पहले भी इज़रायल के खिलाफ कई सफल हमले किए हैं और यह संगठन प्रतिरोध की धुरी का एक महत्वपूर्ण हिस्सा माना जाता है। अबू अहमद का यह बयान इज़रायल और फिलिस्तीनी प्रतिरोध समूहों के बीच आने वाले दिनों में और भी गंभीर संघर्षों की संभावना की ओर इशारा करता है, खासकर जब यह दावा किया जा रहा है कि उनके पास अभी और भी उन्नत हथियार हैं जो इज़रायली सेना को भारी नुकसान पहुंचा सकते हैं।