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हमने अब तक केवल इज़रायल के सैन्य ठिकानों को निशाना बनाया है: हिज़्बुल्लाह

हमने अब तक केवल इज़रायल के सैन्य ठिकानों को निशाना बनाया है: हिज़्बुल्लाह

हिज़्बुल्लाह की राजनीतिक परिषद के उपाध्यक्ष महमूद क़माती ने एक महत्वपूर्ण बयान देते हुए कहा, “नेतन्याहू को यह महसूस नहीं होना चाहिए कि वह सुरक्षित हैं।” उन्होंने यह टिप्पणी उस समय की, जब ग़ाज़ा और लेबनान में इज़रायली हमलों के जवाब में हिज़्बुल्लाह के प्रतिरोध और उनके अगले कदमों पर चर्चा की जा रही थी।

ग़ाज़ा के भाईयों का समर्थन

क़माती ने अल-जज़ीरा मुबारक चैनल को दिए इंटरव्यू में कहा कि हिज़्बुल्लाह शुरू से ही ग़ाज़ा पट्टी में अपने भाइयों का समर्थन करने के लिए प्रतिबद्ध रहा है। उन्होंने बताया कि यह हिज़्बुल्लाह की ओर से एक सीमित युद्ध था, लेकिन इज़रायल की ओर से खुलेआम युद्ध की मांग की गई। इस तरह के हालातों में, हिज़्बुल्लाह भी इज़रायली कब्ज़ाधारियों के खिलाफ संघर्ष में शामिल हो चुका है।

दुनिया नेतन्याहू के बिना एक बेहतर स्थान होगी

जब उनसे पूछा गया कि क्या नेतन्याहू के निवास पर हमला हिज़्बुल्लाह का संदेश था, तो क़माती ने दो टूक कहा कि, “दुनिया नेतन्याहू के बिना एक बेहतर स्थान होगी।” यह बयान स्पष्ट रूप से दर्शाता है कि नेतन्याहू की नीतियों और कब्ज़ाधारी शासन के खिलाफ हिज़्बुल्लाह का रुख बेहद सख्त है।

कमांडरों की शहादत का प्रतिशोध

क़माती ने जोर देकर कहा कि हिज़्बुल्लाह अपने शहीद कमांडरों के न्यायपूर्ण प्रतिशोध के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि ग़ाज़ा और लेबनान में हिज़्बुल्लाह के कमांडरों की हत्या के बाद अब इज़रायल के साथ पहले की गई सभी सीमाएं और समझौते खत्म हो चुके हैं। उन्होंने आगे कहा कि हिज़्बुल्लाह नेतन्याहू को बिना सज़ा के नहीं छोड़ेगा, और उनकी सेना पूरी ताकत के साथ इज़रायली कब्ज़ाधारियों के खिलाफ लड़ाई जारी रखेगी।

क़माती ने यह भी स्पष्ट किया कि हिज़्बुल्लाह ने अब तक केवल सैन्य ठिकानों को निशाना बनाया है, और उनकी लड़ाई का मुख्य उद्देश्य शराफ़त और इज़्ज़त की रक्षा करना है। बयान के अंत में, क़माती ने इस बात पर जोर दिया कि फिलहाल हिज़्बुल्लाह की प्राथमिकता लेबनान पर हो रहे हमलों को रोकना है। उसके बाद ही राजनीतिक स्थिति के अनुसार आगे के कदम उठाए जाएंगे।

इस बयान से यह साफ है कि हिज़्बुल्लाह ने स्पष्ट कर दिया है कि नेतन्याहू और इज़रायली कब्ज़ाधारियों को अब किसी तरह की रियायत नहीं दी जाएगी, और आने वाले दिनों में संघर्ष और तेज हो सकता है।

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