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हम इज़रायल और हिज़्बुल्लाह के बीच संघर्ष विराम की तलाश में नहीं: अमेरिकी अधिकारी

हम इज़रायल और हिज़्बुल्लाह के बीच संघर्ष विराम की तलाश में नहीं: अमेरिकी अधिकारी

अमेरिकी अधिकारियों द्वारा इज़रायल और हिज़्बुल्लाह के बीच संघर्ष-विराम के प्रयासों पर असहमति की खबर अंतरराष्ट्रीय कूटनीति और क्षेत्रीय स्थिरता पर गहरी चिंताओं को उजागर करती है। CNN की इस रिपोर्ट में अमेरिकी सरकार की रणनीतिक सोच और उसकी चिंताओं का खुलासा किया गया है, जो मध्य पूर्व में संभावित युद्ध के प्रसार को लेकर गंभीर हैं।

रिपोर्ट के अनुसार, बाइडन प्रशासन चिंतित है कि इज़रायल द्वारा शुरू किए गए सीमित जमीनी अभियान से स्थिति और बिगड़ सकती है। इज़रायल और हिज़्बुल्लाह के बीच की ये तनावपूर्ण स्थिति पहले से ही नाजुक है, और एक बड़े युद्ध का रूप लेने का खतरा मंडरा रहा है।

अमेरिकी अधिकारियों द्वारा इज़रायल और हिज़्बुल्लाह के बीच संघर्ष विराम के प्रयासों पर असहमति की खबर अंतरराष्ट्रीय कूटनीति और क्षेत्रीय स्थिरता पर गहरी चिंताओं को उजागर करती है। CNN की इस रिपोर्ट में अमेरिकी सरकार की रणनीतिक सोच और उसकी चिंताओं का खुलासा किया गया है, जो मध्य पूर्व में संभावित युद्ध के प्रसार को लेकर गंभीर हैं।

रिपोर्ट के अनुसार, बाइडन प्रशासन चिंतित है कि इज़रायल द्वारा शुरू किए गए सीमित जमीनी अभियान से स्थिति और बिगड़ सकती है। इज़रायल और हिज़्बुल्लाह के बीच की ये तनावपूर्ण स्थिति पहले से ही नाजुक है, और एक बड़े युद्ध का रूप लेने का खतरा मंडरा रहा है। इज़रायल की योजनाओं को लेकर चिंता है कि यह छोटे पैमाने पर शुरू होने वाला अभियान एक विस्तृत, दीर्घकालिक संघर्ष में तब्दील हो सकता है, जिससे न केवल इज़रायल और हिज़्बुल्लाह के बीच तनाव बढ़ेगा, बल्कि पूरे क्षेत्र में अस्थिरता का खतरा भी बढ़ेगा।

अमेरिका का रुख और इज़रायल पर दबाव

वाशिंगटन, जो पहले कई बार इज़रायल का समर्थन कर चुका है, इस बार एक संतुलित और संयमित रुख अपना रहा है। अमेरिकी अधिकारी यह सुनिश्चित करने की कोशिश कर रहे हैं कि इज़रायल किसी भी बड़े सैन्य अभियान के जरिए स्थिति को और अधिक जटिल न बनाए। विशेष रूप से, अमेरिका इज़रायल से ईरान पर प्रत्यक्ष हमले से बचने का आग्रह कर रहा है, क्योंकि इससे क्षेत्रीय तनाव में वृद्धि हो सकती है और अन्य शक्तियां इस संघर्ष में शामिल हो सकती हैं।

रिपोर्ट में यह भी उल्लेख किया गया है कि इज़रायल जो कुछ भी ‘उचित प्रतिक्रिया’ मानता है, वह अमेरिका और अन्य वैश्विक शक्तियों की सोच से मेल नहीं खा सकता। इज़रायल की आक्रामक सैन्य नीति और प्रतिक्रिया को कई देशों द्वारा भिन्न दृष्टिकोण से देखा जा रहा है।

रिपोर्ट में एक और महत्वपूर्ण बात यह सामने आई कि अमेरिकी प्रशासन इस समय किसी संघर्ष-विराम वार्ता के लिए लेबनान के किस दल से संपर्क करेगा, यह भी तय नहीं कर सका है। हिज़्बुल्लाह की लेबनान में एक महत्वपूर्ण राजनीतिक और सैन्य उपस्थिति है, और किसी भी संघर्ष विराम के लिए इसे एक प्रमुख पक्षकार माना जाता है। हालांकि, हिज़्बुल्लाह का ईरान से करीबी संबंध अमेरिका के लिए एक चुनौती बना हुआ है, जो इसे सीधे बातचीत का हिस्सा बनाने से हिचक रहा है।

इस पूरे घटनाक्रम में, यह स्पष्ट है कि वाशिंगटन और तेल अवीव के बीच संबंधों में जटिलताएं बढ़ रही हैं। जहां एक ओर अमेरिका तनाव को कम करने और शांति बहाल करने की कोशिश कर रहा है, वहीं इज़रायल कठोर जवाबी कार्रवाई करने अड़ा हुआ है। हिज़्बुल्लाह के साथ बढ़ते तनाव के इस दौर में अमेरिका की मध्यस्थता की भूमिका बेहद अहम हो सकती है, लेकिन फिलहाल यह स्पष्ट नहीं है कि यह किस दिशा में जाएगी और क्या वॉशिंगटन इस मामले में किसी संघर्ष विराम के लिए सफल बातचीत कर पाएगा या नहीं।

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