हमें जंग से डर नहीं, लेकिन सीरिया को बर्बादी की तरफ नहीं ले जाने देंगे: जूलानी
सीरिया के बाग़ी गुट “हयात तहरीर अल-शाम” के प्रमुख और स्वयंभू नेता अबू मुहम्मद अल-जूलानी (अहमद अल-शरअ) ने हालिया सीरियाई हालात और इज़रायली हमलों पर प्रतिक्रिया देते हुए एक टीवी भाषण में कहा कि, इज़रायली शासन ने हमेशा हमारे बीच फितना और अस्थिरता फैलाने की कोशिश की है।
अल-जज़ीरा मुबाशिर के हवाले से, उन्होंने कहा: “हम इस बात की इजाज़त नहीं देंगे कि हमारे लोग ऐसी जंग में धकेले जाएं जिसका मकसद सिर्फ़ तबाही और अराजकता फैलाना है। उन्होंने ज़ोर देते हुए कहा: “हमें ज़रूरत है कि, हम सब एकजुट हों, एक-दूसरे का साथ दें, क्योंकि हमारी असली ताक़त हमारी एकता है। एक नया सीरिया तभी बनेगा जब हम सब अपनी सरकार के इर्द-गिर्द इकट्ठा होंगे और उसके सिद्धांतों पर क़ायम रहेंगे।”
अल-जूलानी ने कहा: “हमारे देश के द्रूज़ समुदाय के लोग इस वतन का अहम हिस्सा हैं और उनकी हिफाज़त हमारी प्राथमिकता है। हम ऐसे मोड़ पर खड़े थे जहां या तो हम इज़रायल के साथ एक अंतहीन युद्ध छेड़ते जिसमें द्रूज़ समुदाय की जानें जातीं और पूरा इलाक़ा अस्थिर होता, या फिर बातचीत की ज़ुबान को प्राथमिकता देते।”
उन्होंने आगे कहा: “सीरिया किसी बाहरी साज़िश का मैदान या दूसरों की हवस का शिकार नहीं बनने वाला। हमने फैसला लिया है कि कुछ स्थानीय समूहों और बुज़ुर्गों को सुरक्षा बहाल करने की ज़िम्मेदारी दी जाए।”
अल-जूलानी का कहना था: “सीरिया के लोग किसी भी तरह के बंटवारे को स्वीकार नहीं करते। हममें इतनी क़ाबिलियत है कि इज़रायल की फूट डालो और राज करो की साज़िश को नाकाम करें। सीरिया को टुकड़ों में बांटने की कोई गुंजाइश नहीं है और हम किसी भी गुट को अपनी ‘खूबसूरत तस्वीर’ को बिगाड़ने नहीं देंगे।”
उन्होंने यह भी कहा: “अगर सीरिया की जनता की इज़्ज़त को कोई ख़तरा हुआ तो हम पूरी तैयारी के साथ अपनी इज़्ज़त की हिफाज़त के लिए लड़ेंगे। अल-जूलानी ने स्पष्ट किया: “हम उन लोगों को ज़रूर जवाबदेह ठहराना चाहते हैं जिन्होंने हमारे द्रूज़ भाइयों को सताया और नुकसान पहुँचाया, क्योंकि द्रूज़ समुदाय, सरकार की हिफाज़त में है।”
उन्होंने अंत में कहा: “हम अपने वतन की एकता, स्थिरता और सुरक्षा को बनाए रखने, और आने वाली नस्लों के लिए एक बेहतर भविष्य सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं — ऐसा भविष्य जो तबाही और अफरा-तफरी से दूर हो। उन्होंने कहा कि लंबे समय से चले आ रहे मतभेदों के बाद, सरकारी संस्थाओं ने स्वैदा प्रांत में सिविल वॉर को रोकने के लिए हस्तक्षेप किया और क़ानून व्यवस्था को बहाल किया।
उन्होंने कहा कि: “रक्षा और गृह मंत्रालयों ने स्वैदा प्रांत में व्यापक तैनाती की और इज़रायल की दख़लअंदाज़ी के बावजूद, फसादियों को खदेड़कर स्थिरता बहाल की। इज़रायली शासन ने जानबूझकर नागरिक और सरकारी ठिकानों को निशाना बनाया ताकि स्वैदा में हालात और भी ख़राब हो जाएं।”
अल-जूलानी ने अपने बयान का अंत करते हुए कहा: “अमेरिकी, अरब और तुर्की मध्यस्थों के प्रभावी हस्तक्षेप ने इस क्षेत्र को एक अंधेरे भविष्य से बचा लिया। हम उन लोगों में से नहीं हैं जो जंग से डरते हैं। हमने अपनी पूरी ज़िंदगी चुनौतियों का सामना करते हुए और अपनी अवाम की हिफाज़त करते हुए बिताई है, लेकिन हमने सीरियाई अवाम के फ़ायदे को फसाद और तबाही पर प्राथमिकता दी है।”

