वाशिंगटन पोस्ट: इज़रायल का ईरान पर व्यापक और फ़ौरी हमले का इरादा नहीं है
हाल ही में वाशिंगटन पोस्ट के साथ बातचीत में, अमेरिका के कुछ अधिकारियों ने खुलासा किया कि इज़रायली नेतृत्व ने उन्हें बताया है कि वर्तमान में ईरान के मिसाइल हमलों के प्रति त्वरित और व्यापक प्रतिक्रिया देने की कोई आवश्यकता नहीं समझते। यह जानकारी उस समय आई है जब इज़रायल और ईरान के बीच तनाव बढ़ता जा रहा है, विशेषकर तब जब ईरान ने इज़रायल के भीतर विभिन्न लक्ष्यों पर हमले किए जाने के बाद।
अमेरिका और यूरोप की चिंताएँ
अमेरिकी और यूरोपीय अधिकारियों के बीच चर्चा में, उन्होंने बताया कि वे इज़रायली हमले की संभावनाओं को लेकर चिंतित हैं। विशेषकर, उन्हें यह डर है कि इज़रायल द्वारा ईरान के आर्थिक लक्ष्यों को निशाना बनाने से क्षेत्र में तनाव और बढ़ सकता है। एक वरिष्ठ यूरोपीय अधिकारी ने कहा कि ईरान अपने तेल और गैस उद्योग पर हमले को अपनी “लाल रेखा” मानता है। अगर ऐसा होता है, तो यह ईरान द्वारा पश्चिमी देशों के ऊर्जा हितों पर प्रतिक्रिया को जन्म दे सकता है, जो अंततः वैश्विक अर्थव्यवस्था को प्रभावित कर सकता है।
ईरान की प्रतिक्रिया
इस्लामिक रिपब्लिक ऑफ ईरान ने इज़रायली शासन द्वारा उसकी संप्रभुता के उल्लंघन के खिलाफ संयम बरतने के एक लंबे समय के बाद प्रतिक्रिया दी। ईरान ने इज़रायल पर हिज़्बुल्लाह के शहीद महासचिव, सैयद हसन नसरुल्लाह और अन्य वरिष्ठ कमांडरों की हत्या के जवाब में 200 से अधिक मिसाइल दागे। ईरान का यह कदम इज़रायल की आक्रामकता के प्रति उसकी सख्त प्रतिक्रिया को दर्शाता है।
अमेरिका की भूमिका
अमेरिकी अधिकारियों का कहना है कि वे इज़रायल की संभावित प्रतिक्रिया को कम करने की कोशिश कर रहे हैं। हालांकि, यूरोपीय सहयोगी चिंतित हैं कि अमेरिका ने इज़रायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू पर पर्याप्त दबाव नहीं डाला है। यह स्थिति अमेरिका और उसके सहयोगियों के बीच सामरिक समन्वय के महत्व को उजागर करती है, विशेषकर जब पश्चिम एशिया में तनाव बढ़ता जा रहा है।
इस पूरे घटनाक्रम से यह स्पष्ट है कि इज़रायल और ईरान के बीच की स्थितियाँ न केवल क्षेत्रीय स्थिरता को प्रभावित कर रही हैं, बल्कि वैश्विक ऊर्जा बाजारों पर भी असर डाल सकती हैं। यह एक संवेदनशील समय है, जिसमें अंतरराष्ट्रीय समुदाय को ध्यान से स्थिति पर नज़र रखने की आवश्यकता है।