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इज़रायल और हिज़्बुल्लाह के बीच युद्ध तेज़

इज़रायल और हिज़्बुल्लाह के बीच युद्ध तेज़

मध्य पूर्व में बढ़ते संघर्ष के बीच इज़रायल और हिज़्बुल्लाह के बीच गोलीबारी का सिलसिला तेज़ हो गया है। संयुक्त राष्ट्र के मध्य पूर्व दूत ने सुरक्षा परिषद को संबोधित करते हुए कहा कि ग़ाज़ा में मौजूदा हालात “अब तक के सबसे खराब” हैं। उन्होंने चेतावनी दी कि पूरा क्षेत्र “एक गंभीर मोड़ पर खड़ा है” और यदि संघर्ष तुरंत नहीं रोका गया, तो इसके परिणाम और भी भयावह हो सकते हैं।

इज़रायली बलों ने लेबनान की राजधानी बेरूत के मध्य क्षेत्र में कार्रवाई करते हुए कम से कम पांच लोगों को शहीद कर दिया। वहीं, हिज़्बुल्लाह द्वारा किए गए एक मिसाइल हमले में इज़रायल के तेल अवीव में कम से कम छह लोग घायल हो गए। इस हमले के बाद दोनों पक्षों के बीच तनाव और बढ़ गया है।

‘संघर्ष-विराम के बावजूद कार्रवाई जारी रखेंगे: नेतन्याहू
इज़रायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने स्पष्ट रूप से कहा कि उनकी सेना “हिज़्बुल्लाह के खिलाफ व्यवस्थित रूप से अभियान जारी रखेगी,” भले ही कोई संघर्ष-विराम समझौता क्यों न हो। उनके इस बयान के बाद क्षेत्र में शांति की उम्मीदें और धूमिल हो गई हैं। इस बीच, अमेरिका संघर्ष-विराम कराने के लिए अपने अंतिम प्रयास कर रहा है।

ग़ाज़ा नरसंहार में हजारों की मौत
ग़ाज़ा में इज़राइल के हवाई और जमीनी हमलों के कारण मानवीय संकट अपने चरम पर पहुंच गया है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, 7 अक्टूबर 2023 से शुरू हुए युद्ध में अब तक कम से कम 43,922 फिलिस्तीनी मारे जा चुके हैं और 103,898 लोग घायल हुए हैं। हमास के नेतृत्व में हुए शुरुआती हमले में इज़रायल में 1,139 लोग मारे गए थे और 200 से अधिक लोग बंधक बना लिए गए थे।

संयुक्त राष्ट्र ने ग़ाज़ा के हालात को बताया ‘भयावह’
ग़ाज़ा युद्ध की आड़ में इज़रायल ने लेबनान पर भी हमले तेज़ कर दिए हैं। वहां अब तक 3,516 लोग मारे जा चुके हैं और 14,929 लोग घायल हुए हैं। इज़रायल के इन हमलों से लेबनान में भी गंभीर मानवीय संकट पैदा हो गया है। संयुक्त राष्ट्र ने एक बार फिर सभी पक्षों से युद्ध रोकने की अपील की है। मध्य पूर्व के दूत ने कहा कि ग़ाज़ा में मानवीय हालात “अत्यंत भयावह” हैं और यदि युद्ध जल्द समाप्त नहीं हुआ, तो यह पूरे क्षेत्र को “खतरनाक अराजकता” की ओर धकेल देगा।

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