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वेनज़ुएला की नोबेल शांति पुरस्कार विजेता की नेतन्याहू से बातचीत

वेनज़ुएला की नोबेल शांति पुरस्कार विजेता की नेतन्याहू से बातचीत

इज़रायली प्रधानमंत्री कार्यालय ने बताया है कि वेनेज़ुएला की विपक्षी नेता और नई नोबेल शांति पुरस्कार विजेता मारिया कोरीना माचाडो ने प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू से टेलीफोन पर बातचीत की है। इस बातचीत के दौरान माचाडो ने इज़रायल के प्रति अपना समर्थन जताया और ईरान के खिलाफ उसके रुख की सराहना की। उन्होंने कहा कि ईरान दोनों देशों — इज़रायल और वेनेज़ुएला — के लिए समान रूप से ख़तरा है।

इज़रायली मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, माचाडो ने ग़ाज़ा में युद्ध-विराम समझौते के तहत इज़रायली बंधकों की रिहाई का स्वागत किया और इसे शांति के प्रयासों की दिशा में सकारात्मक क़दम बताया। उन्होंने नेतन्याहू को आश्वासन दिया कि लोकतंत्र और मानवाधिकारों के समर्थन में उनका संघर्ष जारी रहेगा।

नेतन्याहू ने भी इस बातचीत में माचाडो को नोबेल पुरस्कार मिलने पर बधाई दी और लोकतंत्र तथा शांति को बढ़ावा देने के उनके प्रयासों की सराहना की। दोनों नेताओं ने वैश्विक स्तर पर अधिनायकवादी शासन और आतंकवाद के खिलाफ साझा सहयोग बढ़ाने पर भी चर्चा की।

मारिया कोरीना माचाडो लंबे समय से वेनेज़ुएला की सत्ताधारी सरकार की मुखर आलोचक रही हैं। वह राष्ट्रपति निकोलस मादुरो के शासन की विरोधी हैं और खुद को लोकतांत्रिक बदलाव की प्रतीक बताती हैं। मचाडो पहले भी यह ऐलान कर चुकी हैं कि अगर उनकी राजनीतिक आंदोलन को सत्ता मिलती है, तो वह वेनेज़ुएला का दूतावास इज़रायल में यरूशलम (क़ुद्स) स्थानांतरित करेंगी — जबकि अधिकांश लैटिन अमेरिकी देशों ने अब तक ऐसा क़दम नहीं उठाया है।

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह बातचीत न सिर्फ माचाडो की पश्चिम-समर्थक नीति का संकेत है, बल्कि वेनेज़ुएला की विदेश नीति में संभावित बदलाव की झलक भी देती है, जो भविष्य में ईरान-विरोधी मोर्चे को मज़बूत कर सकती है।

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