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यूएई के दबाव में अंसारुल्लाह को फिर से आतंकी संगठन घोषित करेगा अमेरिका

यूएई के दबाव में अंसारुल्लाह को फिर से आतंकी संगठन घोषित करेगा अमेरिका

अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने कहा है कि अमेरिका यमन के अंसारुल्लाह आंदोलन को फिर से आतंकी समूह घोषित करने पर विचार कर रहा है।

यूएई पर अंसारुल्लाह के जवाबी हमलों के बाद जो बाइडन ने यह बयान व्हाइट हाउस में संवाददाता सम्मेलन में दिया। आपकी जानकारी के लिए यह बता दें कि सऊदी अरब और यूएई पिछले कई महीनों से अमेरिका से इस बात की भीख मांग रहे हैं कि यमन के प्रतिरोधी संगठन हौसियों के संगठन को आतंकी घोषित कर दें, क्योंकि जो बाइडन ने चुनाव जीतने के बाद हौसी संगठन को आतंकी समूह की लिस्ट से बाहर कर दिया था।

अमेरिकी रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन ने बुधवार को अबूधाबी के वलीअहद क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन ज़ाएद से बातचीत की है, आपको बता दें कि UAE, सऊदी अरब की अगुवाई वाले संगठन का हिस्सा है जो 2015 में यमन के गृह युद्ध में शामिल हुआ था।
ध्यान देने वाली बात यह है कि जो बाइडन को क्या पिछले 10 सालों से यमन पर होने वाले आले सऊद और उसके सहयोगियों के अत्याचार नहीं दिखाई दिए? यमन के हज़ारों लोग बेघर हुए वह भी नहीं दिखाई दिए? हज़ारों गोदें वीरान नहीं दिखाई दीं? रोते बिलखते बच्चे नहीं दिखाई दिए? कभी आज तक यमन पर हमला करने वालों के विरुद्ध कोई बयान क्यों नहीं आया? अभी एक दिन पहले ही सऊदी अरब और उसके सहयोगी देशों के विमानों ने पूरी रात यमन वासियों पर बम बरसाए लेकिन किसी की कोई आवाज़ नहीं निकली, किसी का कोई विरोध नहीं आया।

क्या यह अजीब नहीं कि पहले बम बरसाते रहे, लोगों को मारते रहे, घरों को उजाड़ते रहे तब तक पूरा विश्व ख़ामोश था, न ही किसी कोई आतंकी था न ही किसी प्रतिबंध की बात थी, और जैसे ही यमन के अंदर एक प्रतिरोधी संगठन तैयार हुआ जिसने सऊदी अरब और उसके सहयोगियों का न केवल विरोध किया बल्कि आले सऊद के हमलों के जवाब में उसने भी हमले किए तब से आतंकवाद भी आ गया और प्रतिबंध भी आ गया।

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