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अमेरिका ने तुर्की से स्पष्टीकरण मांगा, राजदूतों को निकालने का कारण बताए

अमेरिका ने तुर्की से स्पष्टीकरण मांगा, राजदूतों को निकालने का कारण बताए तुर्की ने अप्रत्यक्ष रूप से कदम उठाते हुए अमेरिका समेत यूरोप के 9 देशों के राजदूतों को अपने यहां से निकाल दिया है।

अमेरिका ने तुर्की से इस संबंध में स्पष्टीकरण मांगा है। अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने तुर्की से 9 यूरोपीय देशों एवं अमेरिका के राजदूत को निकाले जाने का उद्देश्य पूछा है।

अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि हमें तुर्की से अपने और यूरोपीय देशों के राजदूतों को निकाले जाने की खबर मिली है। हम प्रयास कर रहे हैं कि इस बारे में तुर्की से जरूरी स्पष्टीकरण मांगे। उन्होंने कहा कि हम प्रतीक्षा कर रहे हैं कि तुर्की इस बारे में अपने निर्णय पर स्पष्टीकरण दें] और बताएं कि उसने अमेरिका समेत 10 देशों के राजदूतों को क्यों निकाला है।

राइटर्स के साथ बातचीत करते हुए अमेरिकी राजनयिक ने इस मुद्दे पर कहा कि हम तुर्की के जवाब की प्रतीक्षा कर रहे हैं। इससे पहले यूरोपीय पार्लियामेंट के प्रमुख डेविड सासुली ने भी अर्दोग़ान की यूरोप और अमेरिकी राजदूतों को निकालने की धमकी पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा था कि यह तुर्की के सत्तावादी एवं अहंकारी कार्यवाही का संकेत है।

याद रहे कि हाल ही में अमेरिका एवं यूरोपीय देशों के एक समूह ने तुर्की में बंदी बनाए गए कारोबारी उस्मान कवाला की आजादी के लिए बयान जारी करते हुए मांग की थी कि तुर्की कवाला को बगैर किसी शर्त के रिहा करे। अर्दोग़ान ने इस बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा था कि हम अपने देश में इन देशों के प्रतिनिधियों को रहने देने का जोखिम नहीं ले सकते।

टी न्यूज़ एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार रजब तय्यब अर्दोग़ान ने शनिवार को ही मीडिया से बात करते हुए कहा था कि मैंने विदेश मंत्री को कह दिया है कि वह इन देशों के राजदूतों को अवांछित तत्वों के रूप में पहचाने और उन्हें तुर्की छोड़ने के लिए कहें। मंगलवार को भी तुर्की ने अमेरिका, फ्रांस, जर्मनी, डेनमार्क, नार्वे ,हॉलैंड, स्वीडन, फिनलैंड, कनाडा और न्यूजीलैंड के राजदूतों को विदेश मंत्रालय में तलब किया था।

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