अमेरिका ग़ाज़ा के क़रीब बड़ा सैन्य अड्डा बनाने की तैयारी में
अमेरिका ग़ाज़ा पट्टी के क़रीब बड़े सैन्य अड्डे के निर्माण की तैयारी में है, जहाँ हज़ारों अंतरराष्ट्रीय सैनिकों की तैनाती की योजना बनाई जा रही है। फार्स न्यूज़ एजेंसी के अंतरराष्ट्रीय डेस्क के अनुसार, इज़रायली अख़बार यदीओत अहरोनोत ने रिपोर्ट दी है कि वाशिंगटन, ग़ाज़ा पट्टी के भीतर या उसके नज़दीक इस अड्डे की स्थापना को लेकर सक्रिय रूप से काम कर रहा है। बताया गया है कि इस योजना पर अमेरिका और इज़रायली अधिकारियों के बीच प्रारंभिक वार्ताएं शुरू हो चुकी हैं ताकि अड्डे के सटीक स्थान और सैनिकों की तैनाती की रूपरेखा तय की जा सके।
रिपोर्ट के मुताबिक़, इस अड्डे के निर्माण पर लगभग 50 करोड़ डॉलर (500 मिलियन डॉलर) की लागत आने का अनुमान है। अमेरिकी अधिकारी ग़ाज़ा की सीमाओं के भीतर और आसपास कई संभावित स्थलों का सर्वेक्षण कर रहे हैं। कहा जा रहा है कि इस बेस का मुख्य उद्देश्य उन हज़ारों अंतरराष्ट्रीय सैनिकों को ठहरने और रसद (लॉजिस्टिक) सुविधा प्रदान करना होगा जिन्हें ग़ाज़ा में संभावित युद्ध-विराम की निगरानी के लिए भेजा जा सकता है।
यदीओत अहरोनोत की रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि वाशिंगटन इस परियोजना को “स्थायी उपस्थिति” के रूप में नहीं बल्कि “अंतरराष्ट्रीय शांति मिशन” के ढांचे में प्रस्तुत करने की कोशिश कर रहा है, ताकि इज़रायल और अन्य क्षेत्रीय देशों की राजनीतिक आपत्तियों को कम किया जा सके।
हालाँकि, इज़रायली सुरक्षा हलकों में इस कदम को लेकर गहरी चिंता व्यक्त की जा रही है। शोमेरीम न्यूज़ वेबसाइट के मुताबिक, 1967 के छह-दिवसीय युद्ध के बाद से इज़रायल ने हमेशा फ़िलिस्तीनी क्षेत्रों में किसी भी विदेशी सैन्य उपस्थिति से बचने की नीति अपनाई है। वर्तमान में भी फ़िलिस्तीन के क़ब्ज़े वाले इलाक़ों में अमेरिकी सैनिकों की मौजूदगी बेहद सीमित है—करीब 200 सैनिक क्रियात गात शहर में अमेरिकी बलों के एक छोटे कमांड सेंटर में तैनात हैं।
विश्लेषकों का मानना है कि ग़ाज़ा के पास यह नया अड्डा अमेरिका के लिए न केवल रणनीतिक बल्कि राजनीतिक रूप से भी महत्वपूर्ण होगा, क्योंकि इससे उसे मध्यपूर्व में अपनी सैन्य उपस्थिति को मज़बूत करने का एक नया आधार मिल जाएगा, जबकि फ़िलिस्तीनियों के लिए यह नई चिंता का कारण बन सकता है।

