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इराक़ में अमेरिकी सैन्य बेस ‘अल-हरीर’ में अचानक हाई अलर्ट

इराक़ में अमेरिकी सैन्य बेस ‘अल-हरीर’ में अचानक हाई अलर्ट

इराक के कुर्दिस्तान क्षेत्र में स्थित अमेरिकी सैन्य बेस ‘अल-हरीर’ में अचानक हाई अलर्ट की स्थिति उत्पन्न हो गई है। इराकी समाचार एजेंसी ‘अल-मालूमा’ ने एक विश्वसनीय स्रोत के हवाले से बताया कि बीते कुछ घंटों में इस बेस पर सुरक्षा उपायों को अत्यधिक सख्त कर दिया गया है, साथ ही ड्रोन की गतिविधियों में भारी इजाफा देखा गया है।

हालांकि इस सुरक्षा अलर्ट का स्पष्ट कारण अभी तक सामने नहीं आया है, लेकिन इसे क्षेत्र में वर्तमान तनावपूर्ण माहौल से जोड़ा जा रहा है। विशेषकर, इज़रायल द्वारा फिलिस्तीन और लेबनान के खिलाफ किए जा रहे अत्याचारों और हिंसक हमलों के चलते इस तरह की स्थिति पैदा होने की संभावना जताई जा रही है।

अल-हरीर बेस का महत्व
अल-हरीर बेस अमेरिकी सैन्य बलों के लिए रणनीतिक रूप से अत्यंत महत्वपूर्ण ठिकानों में से एक है। यह इराक के एरबिल शहर से लगभग 75 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है, जो अमेरिकी बलों के लिए ईरान की सीमा के पास सबसे निकटतम सैन्य बेसों में से एक माना जाता है। इस बेस पर अमेरिकी सेना ने अत्याधुनिक सैन्य उपकरणों की तैनाती कर रखी है, जिनमें उन्नत राडार, मिसाइल सिस्टम, भारी हथियार और लड़ाकू विमानों के लिए बुनियादी ढांचा शामिल है।

यह बेस का अमेरिकी सैन्य उपस्थिति से जुड़ा है, जब 2015 में आईएसआईएस (दाएश) के खिलाफ चल रहे संघर्ष के दौरान अमेरिकी सेना ने इस बेस पर अपनी तैनाती शुरू की थी। इसके बाद, अमेरिका ने इराकी कुर्दिस्तान क्षेत्र की पेशमरगा सेना को प्रशिक्षण देने के उद्देश्य से यहां अपनी सैन्य मौजूदगी बनाए रखी। साल 2018 के अंत से अमेरिकी बलों ने इस बेस का विस्तार करने की प्रक्रिया शुरू की, जिसमें आधुनिक सुविधाओं और सामरिक उपकरणों को जोड़ने पर ध्यान दिया गया।

क्षेत्रीय तनाव और संभावित सुरक्षा कारण
वर्तमान में अल-हरीर बेस पर बढ़ाई गई सुरक्षा और ड्रोन उड़ानों के पीछे के कारण को लेकर विशेषज्ञों का मानना है कि यह स्थिति क्षेत्र में बढ़ते तनाव से जुड़ी हो सकती है। इज़रायली सेना द्वारा फिलिस्तीन और लेबनान के खिलाफ किए जा रहे निरंतर हमलों के चलते पूरे मध्य पूर्व में अस्थिरता का माहौल बना हुआ है। इन परिस्थितियों में अमेरिकी सैन्य ठिकानों पर सतर्कता बढ़ना एक स्वाभाविक कदम है, खासकर उन ठिकानों पर जो संवेदनशील क्षेत्रों के करीब स्थित हैं।

हालांकि, अभी तक इस विशेष अलर्ट के पीछे के सटीक कारण का खुलासा नहीं हुआ है, लेकिन स्थिति की गंभीरता को देखते हुए यह अनुमान लगाया जा रहा है कि अमेरिका अपने सैनिकों और उपकरणों की सुरक्षा के लिए किसी भी संभावित खतरे का सामना करने के लिए तैयारियों को बढ़ा रहा है।

अल-हरीर बेस पर इस समय की स्थिति से यह स्पष्ट होता है कि क्षेत्रीय तनाव का प्रभाव अमेरिकी सैन्य गतिविधियों पर भी पड़ रहा है, और आने वाले समय में इस बेस पर और अधिक सुरक्षा उपाय लागू किए जा सकते हैं।

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