अमेरिका का इराक़ में मीडिया शो बेनक़ाब
शनिवार को एक इराक़ी सांसद ने वॉशिंगटन के धोखेबाज़ी वाले दावे पर कहा कि अमेरिका का इराक़ से निकलना सिर्फ़ दिखावा है, असलियत में वह यहाँ अपनी मौजूदगी और दख़ल को और मज़बूत कर रहा है। फ़ार्स न्यूज़ एजेंसी के अंतर्राष्ट्रीय डेस्क की रिपोर्ट के अनुसार, सांसद यूसुफ अल-कलाबी ने “अल-मालूमा” न्यूज़ एजेंसी से बातचीत में कहा कि, अमेरिका का इराक़ से सेना हटाने का दावा “झूठ और धोखा” है। हक़ीक़त यह है कि, वह अपने सैनिकों की संख्या इराक़ी सैन्य ठिकानों में बढ़ा रहा है।
अल-कलाबी ने बताया कि, “अमेरिका झूठा प्रचार कर रहा है कि, वह निकल रहा है, लेकिन जमीनी हालात साफ़ दिखाते हैं कि, वॉशिंगटन अपनी फ़ौजी मौजूदगी फैला रहा है।” उन्होंने कहा कि, इराक़ी हुकूमत बार-बार इराक़ की संप्रभुता के उल्लंघन पर चुप्पी साधे बैठी है। उन्होंने आगे कहा, “अमेरिकी फ़ौज इराक़ और सीरिया की ज़मीन पर ऐसे आ-जा रही है जैसे इराक़ कोई आज़ाद मुल्क नहीं बल्कि किसी का मातहत हो।” अल-कलाबी ने मांग की कि, इराक़ी संसद को इन लगातार उल्लंघनों के खिलाफ़ साफ़ रुख़ अपनाना चाहिए।
उत्तरी इराक़ के हरीर एयरबेस पर हाल ही में अमेरिका के तीन बड़े मिलिट्री कार्गो विमान उतरे हैं, कड़ी सुरक्षा के बीच। रिपोर्ट्स बताती हैं कि, अमेरिका क्षेत्र में अपनी मौजूदगी को और मज़बूत करने के लिए सक्रिय रूप से काम कर रहा है। इसी बीच, इराक़ी प्रधानमंत्री के सुरक्षा सलाहकार हुसैन अलावी ने रविवार को घोषणा की कि, इस महीने के दौरान बग़दाद और अनबार प्रांतों में अमेरिकी नेतृत्व वाले तथाकथित “एंटी-आईएसआईएस गठबंधन” का मिशन ख़त्म कर दिया जाएगा।
क़तर स्थित “अल-जज़ीरा” चैनल ने भी एक सरकारी स्रोत के हवाले से कहा कि अंतर्राष्ट्रीय गठबंधन की फ़ौजें अल-असद एयरबेस, बग़दाद एयरपोर्ट और जॉइंट ऑपरेशंस कमांड से निकलकर अरबील चली जाएँगी। योजना के मुताबिक़ इनकी वापसी सितम्बर से शुरू होनी थी। कई विश्लेषक मानते हैं कि अल-असद और विक्टोरिया (बग़दाद एयरपोर्ट) से अमेरिकी सेना की वापसी और उन्हें अरबील के हरीर बेस पर तैनात करना, इराक़ के अंदरूनी हालात को अस्थिर करने के इरादे का इशारा है।

