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इराक़ और सीरिया के बीच अमेरिकी सेनाओं की गतिविधियां

इराक़ और सीरिया के बीच अमेरिकी सेनाओं की गतिविधियां

एक इराक़ी सुरक्षा स्रोत ने “अल-अख़बार” को दिए इंटरव्यू में बताया कि सीरिया में हाल के घटनाक्रमों ने वाशिंगटन को इन दोनों देशों में अपनी सेनाओं की तैनाती की दोबारा समीक्षा करने पर मजबूर कर दिया है, ताकि इस क्षेत्र में किसी भी संभावित बदलाव के लिए तैयार रहा जा सके।

इस स्रोत ने कहा कि सीरिया के पूर्व राष्ट्रपति बशर अल-असद के शासन के पतन के बाद अमेरिकी सेनाओं की तैनाती के नक्शे में बदलाव हुआ था। इसके अलावा, इस बात की संभावना है कि डोनाल्ड ट्रंप के अमेरिका के राष्ट्रपति बनने के बाद वाशिंगटन इस क्षेत्र, विशेष रूप से इराक़ में, अपने सैन्य बलों की तैनाती को और मजबूत कर सकता है।

उन्होंने कहा कि कुछ अमेरिकी सैनिक, सैन्य वाहनों और उपकरणों के साथ सीरिया से इराक़ के भीतर वापस आ गए हैं और वहां सीमा पर हाई अलर्ट में हैं।

इसी संदर्भ में, इराक़ी संसद की सुरक्षा और रक्षा समिति के सदस्य अली अल-बंदावी ने कहा कि क्षेत्र की स्थिति अस्थिर है, और इसमें बदलाव हुए हैं तथा भविष्य में भी मध्य-पूर्व में बदलाव हो सकते हैं। अमेरिका के इस क्षेत्र में अपने हित हैं और वह यहां लंबे समय तक बने रहने की कोशिश कर रहा है।

उन्होंने अल-अख़बार को दिए गए इंटरव्यू में कहा कि इराक़ी सुरक्षा एजेंसियां सीमा पर पूरी तरह नजर बनाए हुए हैं। इसके बावजूद, हम इराकी सरकार से अनुरोध करते हैं कि वह अमेरिका की इन गतिविधियों की प्रकृति और उनके इराक़ की सुरक्षा पर संभावित खतरे का पता लगाए।

अल-बंदावी ने कहा कि इराक़ ने अमेरिका के साथ कई समझौते किए हैं, जिनमें सुरक्षा से संबंधित ढांचागत समझौता और अमेरिकी वापसी के समय-सारणी से संबंधित समझौतों को शामिल किया गया है, जो दोनों पक्षों की संयुक्त उच्च सैन्य समिति के परिणामों पर आधारित हैं।

अमेरिकी सेना समय-समय पर इराक़ की सीमाओं पर गतिविधियां करती है या अपनी सेनाओं का पुनर्संयोजन करती है। वे सीरिया से इराक़ या इराक़ से सीरिया स्थानांतरित होते रहते हैं। लेकिन इस बार यह गतिविधियां डोनाल्ड ट्रंप के सत्ता में आने के समय हुई हैं। इसके अलावा, कुछ लोग दावा कर रहे हैं कि इराक़ बड़े पैमाने पर परिवर्तनों के कगार पर है, जैसा कि सीरिया में हुआ।

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