ईरान द्वारा IAEA से सहयोग स्थगित करने पर अमेरिका चिंतित
पिछले हफ्ते, ईरानी संसद ने अमेरिका द्वारा ईरान की परमाणु स्थलों पर किए गए बर्बर हमले के जवाब में एक दो-फ़ौरी विधेयक पारित किया, जिसमें इंटरनेशनल एटॉमिक एनर्जी एजेंसी (IAEA) के साथ सहयोग को निलंबित करने का प्रस्ताव रखा गया था। यह कानून बाद में गार्जियन काउंसिल द्वारा भी अनुमोदित किया गया।
बुधवार को ईरान के राष्ट्रपति मसऊद पज़ेश्कियान ने इस क़ानून को लागू करने का आधिकारिक आदेश जारी कर दिया है, जिसके तहत ईरानी सरकार को तब तक IAEA के साथ किसी भी प्रकार के सहयोग को रोकने का निर्देश है जब तक कि, देश की परमाणु स्थलों और वैज्ञानिकों की सुरक्षा की गारंटी नहीं दी जाती।
IAEA ने इस निर्णय पर प्रतिक्रिया देते हुए एक बयान में कहा: “हमें इस रिपोर्ट की जानकारी है और हम ईरान से औपचारिक सूचना की प्रतीक्षा कर रहे हैं।”
ईरान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता इस्माईल बक़ाई ने रूस टुडे को दिए एक साक्षात्कार में कहा कि IAEA के निरीक्षक अभी भी ईरान में मौजूद हैं और अपना काम कर रहे हैं, लेकिन अमेरिका के हमलों से हमारी परमाणु साइटों को गंभीर नुक़सान पहुंचा है। अब ईरान की एटॉमिक एनर्जी एजेंसी यह जांच कर रही है कि सहयोग फिर से कैसे शुरू किया जा सकता है।
ईरानी अधिकारियों ने ज़ोर दिया है कि उनका परमाणु कार्यक्रम पूरी तरह शांतिपूर्ण है, जिसे IAEA भी मान्यता देता है। उन्होंने अमेरिका द्वारा हाल ही में ईरान की तीन परमाणु साइटों पर किए गए हमले को अंतरराष्ट्रीय कानूनों का उल्लंघन और आक्रामक कार्रवाई बताया है।
अधिकारियों का यह भी कहना है कि IAEA के महानिदेशक की नवीनतम रिपोर्ट ने अमेरिका और इज़रायल को ईरान पर हमला करने का बहाना दे दिया। बक़ाई ने कहा: “हम IAEA महानिदेशक की उस रिपोर्ट की कड़ी आलोचना करते हैं, जिसमें उन्होंने स्पष्ट रूप से पश्चिमी देशों और इज़रायल को ईरान के खिलाफ क़दम उठाने का रास्ता दिया। जबकि वे खुद CNN को दिए इंटरव्यू में स्वीकार कर चुके हैं कि ईरान के पास परमाणु हथियार बनाने का कोई सबूत मौजूद नहीं है।”

