Site icon ISCPress

अमेरिका का ईरान के तीन परमाणु स्थलों, फ़ोर्दो, नतांज़ और इस्फहान पर हमला

अमेरिका का ईरान के तीन परमाणु स्थलों, फ़ोर्दो, नतांज़ और इस्फहान पर हमला

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दावा किया है कि अमेरिका ने ईरान के तीन परमाणु स्थलों, फ़ोर्दो, नतांज़ और इस्फहान पर हमले किए हैं। फ़ार्स न्यूज़ एजेंसी के अनुसार, ट्रंप ने सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म ‘ट्रुथ सोशल’ पर एक पोस्ट में कहा कि इन तीनों साइटों पर अमेरिका की “सैन्य कार्रवाई” पूरी हो चुकी है।

उन्होंने दावा किया कि सभी अमेरिकी विमान अब ईरान की हवाई सीमा से बाहर निकल चुके हैं। ट्रंप ने यह भी कहा कि अमेरिकी विमानों ने फ़ोर्दो साइट पर पूरी तरह बमबारी की है। उन्होंने दावा किया, “दुनिया में कोई और सेना ऐसा करने में सक्षम नहीं है।”

अपने पोस्ट के अंत में ट्रंप ने लिखा: “अब शांति का समय है!”

अमेरिकी वेबसाइट ‘Axios’ ने एक इज़राईली अधिकारी के हवाले से बताया कि इस हमले से पहले ट्रंप प्रशासन ने इज़राईल को इसकी जानकारी दे दी थी। चैनल 14 की रिपोर्ट के अनुसार, ट्रंप ने हमले से एक दिन पहले इज़राईली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू को इसकी जानकारी दी थी।

Axios ने कहा कि ईरान के परमाणु कार्यक्रम को समाप्त करने के लिए इज़राईल का सीधा समर्थन करना ट्रंप द्वारा मध्य पूर्व में तनाव को एक नए स्तर तक ले जाने का संकेत है। रॉयटर्स के अनुसार, एक अमेरिकी अधिकारी ने बताया कि इस हमले में B-2 स्टील्थ बॉम्बर्स का उपयोग किया गया।

ट्रंप ने एक और पोस्ट में दावा किया कि फ़ोर्दो साइट “नष्ट” हो चुकी है। उन्होंने यह भी कहा कि वह रात 10 बजे व्हाइट हाउस से अमेरिकी जनता को ईरान में हुए इस “सफल सैन्य अभियान” पर संबोधित करेंगे।

उन्होंने कहा, “अब इज़राईली पहले से अधिक सुरक्षित है। यह अमेरिका, इज़राईल और पूरी दुनिया के लिए एक ऐतिहासिक पल है। ईरान को अब इस युद्ध को समाप्त करने पर सहमत होना चाहिए।” हालांकि ईरान ने इस पर अपनी प्रतिक्रिया दे दी है। ईरानी सेना का कहना है कि, जंग तो अब शुरू हुई है। इस युद्ध को तुमने शुरू किया है लेकिन इसे ख़त्म हम करेंगे ,

न्यूयॉर्क टाइम्स और CNN ने भी पुष्टि की है कि इस हमले में कई B-2 बॉम्बर्स शामिल थे। CNN के अनुसार, ट्रंप को उम्मीद है कि इन हमलों के बाद ईरान फिर से बातचीत की मेज़ पर लौटेगा। सबसे आश्चर्यजनक बात यह है कि, परमाणु समझौते के छठे दौर की वार्ता से ठीक पहले इज़राईल, धोखे से ईरान पर हमला करता है। दो हफ्ते बाद फैसला लूँगा ये कह कर अचानक अमेरिका भी ईरान पर धोखे से हमला करता है। उसके बाद वह शांति की अपील भी करता है।

Exit mobile version