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अमेरिका और यूरोप को ईरान की मिसाइल रेंज पर राय देने का कोई अधिकार नहीं: लारीजानी

अमेरिका और यूरोप को ईरान की मिसाइल रेंज पर राय देने का कोई अधिकार नहीं: लारीजानी

ईरान की सर्वोच्च राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के सचिव अली लारीजानी ने अमेरिका और पश्चिमी देशों को कड़ा जवाब देते हुए कहा, “आपको क्या हक़ है कि आप ईरान की मिसाइलों की रेंज पर राय दें? अब यह साफ़ हो चुका है कि परमाणु मामला सिर्फ़ ईरानी जनता से दुश्मनी का एक बहाना था।”

अली लारीजानी ने कहा कि पश्चिम अब मिसाइलों और ‘मुक़ावमत’ (प्रतिरोध) पर भी टिप्पणी करता है, लेकिन ईरान किसी की बेकार बातों के आगे झुकने वाला नहीं है। उन्होंने फ़ारसी कवि सादी का शेर उद्धृत किया — “राय बिना ताक़त के छल है, और ताक़त बिना राय के पागलपन,” और जोड़ा कि “हमारा दौर इन दोनों का शिकार है।”

उन्होंने कहा कि ईरान कभी भी पश्चिम के अधीन नहीं गया, क्योंकि उसने हमेशा अपनी शक्ति और स्वतंत्रता पर भरोसा किया। जब अमेरिका ने आर्थिक, सांस्कृतिक, राजनीतिक और फिर सैन्य तरीक़ों से दबाव डालने की कोशिश की, तब ईरान के नेतृत्व ने पूरी ताक़त से उसका सामना किया — और जनता ने भी उसी दृढ़ता से साथ दिया। लारीजानी के अनुसार, परमाणु विवाद सिर्फ़ एक बहाना था; अब वही देश मिसाइलों की रेंज और ईरान की क्षेत्रीय भूमिका पर सवाल उठा रहे हैं।

उन्होंने कहा
“यह रवैया दिखाता है कि अमेरिका और पश्चिम का असली मकसद वर्चस्व है। वरना आपको क्या लेना-देना कि हमारी मिसाइल कितनी दूर जाती है? क्या आप बर्दाश्त करेंगे कि हम कहें — जब तक यूरोप के पास मिसाइलें और परमाणु हथियार हैं, वह युद्ध के लिए तैयार रहे?” उन्होंने अंत में कहा — “यही फर्क़ है दो सोचों में: एक जो ताक़त और वर्चस्व चाहती है, और दूसरी जो बराबरी और संतुलन चाहती है। ईरान न किसी पर हावी होना चाहता है, न दूसरों की बेकार बातों के आगे झुकने वाला है।”

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