ईरानी आम नागरिकों की हत्या पर संयुक्त राष्ट्र की प्रतिक्रिया
संयुक्त राष्ट्र के उच्चायुक्त मानवाधिकार कार्यालय ने मंगलवार को कहा कि ईरानी परमाणु वैज्ञानिकों के परिवारों की इज़रायल द्वारा की गई हत्या अंतरराष्ट्रीय कानून का गंभीर उल्लंघन है। संयुक्त राष्ट्र द्वारा ईरानी आम नागरिकों और वैज्ञानिकों के परिवारों की हत्या पर की गई प्रतिक्रिया न सिर्फ एक नीतिगत बयान है, बल्कि यह इज़रायल की कार्रवाइयों के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक गंभीर चेतावनी भी मानी जा रही है।
मशरिक की रिपोर्ट के अनुसार, ईरानी परमाणु वैज्ञानिकों और उनके परिवारों की ज़ायोनी शासन द्वारा की गई आपराधिक टारगेट किलिंग पर संयुक्त राष्ट्र ने प्रतिक्रिया दी है।
संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार कार्यालय की प्रवक्ता ‘तामीन अल-कैतान’ ने मंगलवार को ‘रिआनोवोस्ती’ चैनल को दिए एक इंटरव्यू में कहा:
“आम नागरिक वो लोग होते हैं जो किसी भी सैन्य बल का हिस्सा नहीं होते, और उनके ख़िलाफ़ किया गया हमला अंतरराष्ट्रीय मानवतावादी कानून का घोर उल्लंघन है।”
उन्होंने आगे कहा:
“हमें जानकारी मिली है कि इन हमलों में कई ईरानी वैज्ञानिकों के परिजन भी मारे गए हैं। वैज्ञानिकों के परिजनों को वही सुरक्षा मिलती है जो किसी भी अन्य आम नागरिक को मिलनी चाहिए। इससे पहले, ईरान की न्यायपालिका के प्रवक्ता ने बताया था कि इज़रायल द्वारा थोपे गए 12 दिन के युद्ध में अब तक 935 लोग शहीद हुए हैं, जिनमें 38 पुरुष और 102 महिलाएं शामिल हैं।
इससे पहले ईरान की न्यायपालिका ने बताया था कि हालिया 12-दिवसीय युद्ध, जो इज़रायल द्वारा थोपा गया, उसमें 935 लोग शहीद हुए, जिनमें 38 पुरुष, 102 महिलाएं और अन्य आम नागरिक शामिल हैं। इन आंकड़ों से साफ होता है कि इस युद्ध में आम जनता को ही सबसे अधिक नुकसान पहुंचा है।

