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एकतरफ़ा प्रतिबंधों और अमेरिकी न्यायिक हस्तक्षेप बर्दाश्त नहीं : चीन

एकतरफ़ा प्रतिबंधों और अमेरिकी न्यायिक हस्तक्षेप का चीन ने किया विरोध

अंतर्राष्ट्रीय रिपोर्टों के अनुसार चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियन ने एक संवाददाता सम्मेलन में अमेरिकी सुरक्षा सलाहकार जेक सालिवान के बारे में एक सवाल के जवाब में कहा कि बीजिंग, यूक्रेन पर हमले के बारे में रूस के फ़ैसले को जानता था और यूक्रेन के मुद्दे पर चीन की दृष्टि बिल्कुल साफ़ है, चीन स्वतंत्र रूप से न्याय कर रहा है और मुद्दे के आंकलन के आधार पर निष्पक्ष रूप से अपनी स्थिति स्पष्ट कर रहा है।

उन्होंने कहा कि यूक्रेन के मामले में कोई भी ग़लत सूचना जो चीन के प्रयासों की अनदेखी करती है, उसे ग़लत तरीक़े से प्रस्तुत करती है, चीन को कलंकित करती है, समस्या को दूर करने की जगह उसे और बढ़ाती है तो इस तरह के काम न ही ज़िम्मेदार रवैया है और न ही इसमें नैतिकता पाई जाती है।

रूस के ख़िलाफ़ अमेरिकी प्रतिबंधों का ज़िक्र करते हुए लीजियन ने कहा कि समस्याओं को हल करने के लिए प्रतिबंध कभी भी एक प्रभावी उपकरण नहीं होते हैं, चीन सभी प्रकार के एकतरफ़ा प्रतिबंधों और अमेरिकी न्यायिक हस्तक्षेप का विरोध करता है और चीन कंपनियों और अपने व्यक्तियों के वैध अधिकारों और हितों की मज़बूती से रक्षा करेगा।

लंदन में चीनी दूतावास ने आज अमेरिकी अधिकारियों के आरोपों का खंडन किया है कि रूस, यूक्रेन में युद्ध के लिए चीन से सैन्य मदद मांग रहा था, साथ ही वाशिंग्टन पर ग़लत जानकारी लीक करने का आरोप लगाया और कहा कि ऐसे आरोपों और बे बुनियाद बातों से संघर्ष को बढ़ावा मिल सकता है।

लंडन में चीनी दूतावास ने एक बयान में कहा कि संयुक्त राज्य अमेरिका ने बार बार यूक्रेन के बारे में चीन के विरुद्ध ग़लत सूचना जारी की है, दूतावास ने कहा कि चीन ने शांति वार्ता को आगे बढ़ाने में रचनात्मक भूमिका निभाई है, और इस समय मुख्य प्राथमिकता आग में घी डालने के बजाय स्तिथि को शांत करना है और कूटनीतिक समाधान खोजने का प्रयास करना है।

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