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ब्रिटेन, फ्रांस और जर्मनी के दबाव में इज़रायल ने ग़ाज़ा में हवाई सहायता पहुंचाने की अनुमति दी

ब्रिटेन, फ्रांस और जर्मनी के दबाव में इज़रायल ने ग़ाज़ा में हवाई सहायता पहुंचाने की अनुमति दी

ब्रिटेन, फ्रांस और जर्मनी ने ग़ाज़ा में लगातार बिगड़ते मानवीय संकट को खत्म करने के लिए इज़रायल पर दबाव बढ़ा दिया है और इस घिरे हुए क्षेत्र में बढ़ते अकाल की चेतावनी के बीच राहत सामग्री की असीमित पहुंच की मांग की है। इन तीन यूरोपीय देशों की संयुक्त घोषणा के कुछ ही घंटों बाद, इज़रायल ने ऐलान किया कि वह युद्ध शुरू होने के बाद पहली बार विदेशी देशों को ग़ाज़ा में हवाई राहत सामग्री गिराने की अनुमति देगा।

फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों, ब्रिटिश प्रधानमंत्री कीर स्टारमर और जर्मन चांसलर फ्रेडरिक मर्ज़ ने एक संयुक्त अपील जारी करते हुए तत्काल युद्ध-विराम और मानवीय आधार पर कॉरिडोर खोलने की मांग की है। शुक्रवार को त्रिपक्षीय बातचीत के बाद तीनों नेताओं ने कहा, “नागरिक आबादी को आवश्यक सहायता से वंचित रखना अस्वीकार्य है।” इन नेताओं ने चेताया कि, अगर हालात नहीं सुधरे, तो वे “आगे की कार्रवाई के लिए तैयार हैं।”

हालांकि इन संभावित कदमों की विस्तार से जानकारी नहीं दी गई, लेकिन अधिकारियों ने पुष्टि की है कि लंदन, पेरिस और बर्लिन में समन्वित कूटनीतिक और आर्थिक दबाव को लेकर बातचीत जारी है।

इज़रायल ने हवाई मार्ग से सहायता भेजने की अनुमति दी
दबाव के कुछ असर दिखने लगे हैं। इज़रायली सेना के रेडियो ने रिपोर्ट दी है कि, सेना ने विदेशी सरकारों को शुक्रवार से ग़ाज़ा में हवाई सहायता गिराने की अनुमति दे दी है। एक इज़रायली अधिकारी ने स्थानीय मीडिया से कहा कि “इस कदम का मकसद अपने सहयोगी देशों की आलोचना को शांत करना और आगे की कूटनीतिक क्षति से बचना है।”

राहत संगठनों ने इस घोषणा का सतर्क स्वागत किया, लेकिन ज़ोर दिया कि सिर्फ हवाई मार्ग से मदद भेजना इस संकट को हल नहीं कर सकता। संयुक्त राष्ट्र के एक राहत समन्वयक ने कहा, “ग़ाज़ा को हवाई पार्सल नहीं, खुली ज़मीनी राहों और निरंतर ट्रकों की जरूरत है।”

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